रेल इंजन कारखाना के नर्मिाण से होगा मधेपुरा का विकास

मधेपुरा : रेल इंजन कारखाना का निर्माण मधेपुरा के विकास मुद्दा है. इसमें राजनीति से उपर उठ कर सबको सोचना होगा. कारखाना शुरू होने के बाद इस इलाके के मजदूर वर्ग भी शानो शौकत से अपनी जिंदगी गुजार सकेंगे. उपरोक्त बातें बुधवार को सदर प्रखंड के चकला गांव में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान स्थानीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 6:42 PM

मधेपुरा : रेल इंजन कारखाना का निर्माण मधेपुरा के विकास मुद्दा है. इसमें राजनीति से उपर उठ कर सबको सोचना होगा. कारखाना शुरू होने के बाद इस इलाके के मजदूर वर्ग भी शानो शौकत से अपनी जिंदगी गुजार सकेंगे. उपरोक्त बातें बुधवार को सदर प्रखंड के चकला गांव में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान स्थानीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही.

सांसद ने कहा कि ग्रीनफील्ड रेल विद्युत इंजन कारखाना निर्माण को लेकर हुए भूमि अधिग्रहण के जद में आये किसानों के हक की अनदेखी किसी कीमत पर नहीं होने दी जायेगी. किसानों के सभी उचित मांगों की पूर्ति के बाद भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा. सांसद ने कहा की किसानों के साथ किसी भी तरह अन्याय नहीं होने दिया जायेगा.

इस दौरान सांसद ने बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मधेपुरा और सुपौल में सेंट्रल स्कूल खोलने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है. मधेपुरा के टेंगराहा भोकराहा और सहरसा के बरियाही में सौर उर्जा और बॉटलिंग प्लांट के लिए लगातार भूमि उपलब्ध करवाने की मांग वह राज्य सरकार से कर रहे है, लेकिन राज्य सरकार सुस्त बनी हुई है. सांसद ने कहा कि रेल कारखाना शुरू होते ही स्वत: एक केंद्रीय विद्यालय चकला गांव में खुल जायेगा.

आमदनी के सैकड़ों उपाय रहने के कारण हर घर में खुशहाली आयेगी. महापंचायत के दौरान सांसद ने किसानों से जमीन एग्रीमेंट के पेपर भी लिये और कहा कि वह पीएम और रेल मंत्री से मिल कर किसानों की बात रखेंगे. धान खरीद नहीं होने पर बिफरे सांसद महा पंचायत के दौरान किसानों ने जब सांसद से धान खरीद नहीं शुरू होने की जानकारी दी तो सांसद बिफर गये.

सांसद ने कहा कि सरकार मस्त है. जनता भी मस्त रहेे. किसानों की समस्या का चर्चा मत कीजिए, सुखाड़ और गांव की बदहाली का मुद्दा मत बनाइये, बस जात पात का चर्चा कीजिए. उन्होंने कहा कि किसान सुखाड़ पीडि़त है लेकिन कोई चर्चा नहीं हो रही है. 30 नवंबर बाद अगर जरूरत पड़ी तो बिहार बंद करवा कर किसानों का हक दिलवाया जायेगा.

सरकार अविलंब 30 प्रतिशत बोनस के साथ किसानों से धान खरीदना शुरू करे. मजदूरों ने उठाया सवाल महा पंचायत के दौरान उपस्थित खेतिहर मजदूरों ने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि की जमीन का मुआवजा भू स्वामी ले जायेगी. लेकिन मजदूरों की रोजी रोटी का क्या होगा. सांसद ने कहा कि मजदूरों को भी फैक्टरी के दौरान रोजगार उपलब्ध करवाये जायेंगे.

साथ ही जितनी झोपड़ी नुमा दुकानें हैं सबको पक्की दुकान बनवा कर उपलब्ध करवाया जायेगा. अगर फैक्टरी के निर्माण में लगी कंपनी पक्का निर्माण नहीं करवायेगी तो वह अपने स्तर से दुकान बना कर सभी मजदूरों को रोजगार से जोेड़ेंगे.

बीस फीसदी की हिस्सेदारी लेंगे किसान महा पंचायत के दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों ने भी अपनी मांग के बाबत जोर – शोर से अपनी बात रखी. समिति के सदस्य ने मांग किया कि अधिग्रहण की जद में आये किसानों को वर्तमान मूल्य से चार गुणा अधिक मुआवजा सूद के साथ भुगतान किया जाये.

सभी किसानों के एक – एक परिजनों को सरकारी नौकरी और कारखाना में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय की जाय तब भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा. मौके पर किसान नेता प्रकाश कुमार पिंटू, अभय कुमार सिंह, बलराम यादव, लखन यादव, विष्णुदेव यादव, सांसद प्रतिनिधि राम कुमार राय, अनिल अनल, प्रिंस गौतम आदि उपस्थित थे.

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