एनएच 107 की स्थिति जर्जर, कब मिलेगी निजात

मधेपुरा/जीतापुर : जिला मुख्यालय से सटा है राजपुर गांव. एनएच 107 से हो कर ही जिला मुख्यालय तक यहां के निवासी पहंुचते हैं. लेकिन वहां से जिला मुख्यालय तक महज कुछ किलोमीटर के फासले का दर्द राजपुर के मो जाकिर की व्यथा से समझा जा सकता है. जाकिर विकलांग हैं. वह अपनी ट्राय साइकिल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 6:58 PM

मधेपुरा/जीतापुर : जिला मुख्यालय से सटा है राजपुर गांव. एनएच 107 से हो कर ही जिला मुख्यालय तक यहां के निवासी पहंुचते हैं. लेकिन वहां से जिला मुख्यालय तक महज कुछ किलोमीटर के फासले का दर्द राजपुर के मो जाकिर की व्यथा से समझा जा सकता है. जाकिर विकलांग हैं.

वह अपनी ट्राय साइकिल से ही अपना काम करते हैं. वह कहते हैं कि हर दिन इस रास्ते से गुजरते हुए खून के आंसू रोते हैं. दो किमी की दूरी सदियों का बन जाता है. एनएच 107 पर जिला मुख्यालय से सटे माणिक पुर चौक से लेकर राजपुर चौक तक बेतहाशा धूल -मिट्टी उड़ने के कारण राहगीरों व आस पास रहने वाले लोग विगत दो साल से परेशान हैं.

लेकिन उनकी परेशानी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. मुरहो में बीपी मंडल जयंती समारोह से पहले थोड़ा बहुत मरम्मत कार्य किया गया लेकिन कुछ ही दिन में मिट्टी धूल बन कर उड़ गयी. मधेपुरा से पूर्णिया को जोड़ने वाले इस एनएच पर रोज हजारो की संख्या में वाहन गुजरते हैं. मरम्मत के दौरान सड़क पर बिछाये गये छोटे- बड़े मेटल उखड़ कर बिखर गये हैं.

इसके कारण आये दिन छोटे वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. इन दिनों ठंड धीरे – धीरे बढ़ती जा रही है. रात में अत्यधिक कुहासा हो जाता है. ऐसे में दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि होने की ही आशंका है. बड़े वाहन और ट्रक के टायर से मेटल के छिटकने से लोग आये दिन चोटिल होते रहते हैं.

राजपुर निवासी सतीश कुमार ने बताया कि सड़क की स्थिति इतनी दयनीय है कि धूल एवं मिट्टी से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लोग बीमार पड़ रहे हैं. सड़क किनारे घर होने के कारण ये महीन धूलकण भोजन को भी दूषित कर देता है. राजपुर के ही संजय कुमार यादव ने बताया कि सड़क जर्जर होने के कारण धूल के कारण दिन में अंधेरा छा जाता है.

पीछे कुछ दिखायी नहीं देता. दम घुटने लगता है. लोगों कभी भी दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं. यहीं के दिलीप कुमार की भी यही कहानी है. लक्ष्मण ऋषिदेव कहते है कि रास्ता चलने पर धूल उड़ने के कारण अधिकतर धूल शरीर पर जम जाता है. कभी कभी धूल कण आंख में चले जाते है. आंख खराब होने का खतरा बना रहता है.

नेहालपट्टी निवासी बबलू कुमार ने बताया कि इस सड़क स्थिति वर्षों से जर्जर है. चुनाव के समय में गिटटी और बालू से मरम्मती कार्य किया गया था. लेकिन हमेशा गाडि़यों के आवागमन के कारण गिट्टी उखड़ कर सड़क पर बिखरा है. — कहते हैं अधिकारी — मरम्मत के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. टेंडर होते ही मरम्मत कार्य पूरा किया जायेगा. – विजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच मधेपुरा प्रमंडल

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