सामुदायिक विकास भवन नर्मिाण की मांग पर अड़े निषाद समुदाय के लोग

सामुदायिक विकास भवन निर्माण की मांग पर अड़े निषाद समुदाय के लोग — एसडीओ व एसडीपीओ समझाने पर भी नहीं मानें– प्रतिनिधि, पुरैनी मुख्यालय स्थित प्रखंड परिसर के समीप स्थानीय निषादसमुदाय के लोग प्रखंड कार्यालय भवन निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर प्रखंड कार्यालय भवन के बजाय सामुदायिक विकास भवन निर्माण की मांग पर अबतक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2015 7:18 PM

सामुदायिक विकास भवन निर्माण की मांग पर अड़े निषाद समुदाय के लोग — एसडीओ व एसडीपीओ समझाने पर भी नहीं मानें– प्रतिनिधि, पुरैनी मुख्यालय स्थित प्रखंड परिसर के समीप स्थानीय निषादसमुदाय के लोग प्रखंड कार्यालय भवन निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर प्रखंड कार्यालय भवन के बजाय सामुदायिक विकास भवन निर्माण की मांग पर अबतक अड़े हुए है. बुधवार को उक्त लोगों को समझाने पहुंचे एसडीओ एवं एसडीपीओ को भी बैरंग वापस लौटना पड़ा. निषादसमुदाय के सिष्ट मंडल में शामिल लोगों नें एसडीओ व एसडीपीओ को अपनी मांग को लेकर जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जानें की बात कही. ज्ञात हो की स्थानीय निषादसमुदाय के लोगों द्वारा पहले प्रस्तावित स्थल को अपनी जमीन बताते हुए प्रखंड कार्यालय भवन निर्माण हेतु संवेदक को ले आउट कार्य करने के दिन ही रोक दिया गया था. बाद में उक्त जमीन को जिला न्यायालय द्वारा सरकारी घोषित किये जाने के पश्चात निषादसमुदाय का कहना है की यहां बड़ी संख्या में इस वर्ग के लोग निवास करते है. इस समुदाय के अधिकांश लोगों को रहने हेतु भी पर्याप्त मात्रा में अपनी जमीन भी मयस्सर नहीं है. इसलिए उक्त सरकारी जमीन पर सामुदायिक विकास भवन का निर्माण होनी चाहिए ताकि इस समुदाय के लोगों द्वारा शादी विवाह व अन्य मौके पर उसका उपयोग कर सकें. वहीं इस मांग को लेकर बीते एक दिसंबर को इस समुदाय के काफी संख्या में महिला व पुरूष द्वारा प्रखंड कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना व प्रदर्शन भी किया गया था. बुधवार को उक्त मामले को निष्पादित करने हेतु पहुंचे एसडीओ मुकेश कुमार एवं एसडीपीओ रहमत अली द्वारा प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के उपरांत निषादसमुदाय के शिष्ट मंडल से इस बाबत बातचीत कर उन सभी को समझाने का भरसक प्रयास किया गया लेकिन वे लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे. शिष्टमंडल नें स्पष्ट रूप से कहा की वे सभी अपनी मांग को लेकर जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक जाने को तैयार हैं.

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