अबतक नहीं खुला धान क्रय केंद्र, आक्रोश — बिचौलिये के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं किसान–केंद्रों के अभाव में मुनाफा लूट रहे हैं बिचौलिय — पैक्सों को कैश क्रेडिट मिलने के बावजूद नतीजा सिफर प्रतिनिधि, पुरैनी राज्य सरकार के द्वारा राज्य भर में पांच दिसंबर से ही हर हाल में धान क्रय केन्द्र खोले जाने की घोषणा प्रखंड में अबतक हवाहवाई साबित हो रही है. सरकार के किये गये घोषणा के बावजूद प्रखंड क्षेत्र में अबतक धान क्रय केन्द्र नहीं खोला गया है जिससे प्रखंड क्षेत्र के किसान हलकान है. अगर स्थिति यह रही तो समझा जा सकता है की कर्ज लेकर दिन रात खेतों में भूखे प्यासे रहकर मेहनत कर फसल की पैदावार करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति में क्या कभी भी सुधार संभव है. समय पर इनकी फसल तैयारी के बावजूद कई माह बीतने के बाद भी राज्य सरकार व प्रशासनिक उदासीनता के वजह से किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. किसान ऐसे में अपने सारे मुनाफे को खोकर बिचौलिये के हाथ धान बेचने को विवश है. किसानों की मेहनत पर इस बार भी मानों पानी फिरता हुआ ही नजर आ रहा है.किसानों के प्रति यह कहावत चरितार्थ हो रही है ” खेत खाये गदहा और मार खाये जोलहा” बेचारे किसान महिनों भर खेत में दिनरात भूखे प्यासे रहकर मेहनत कर फसल की पैदावार करते हैं और जब उस फसल से मुनाफा कमाने की बारी आती है तो सारा मुनाफा बिचौलिये के हाथ लग जाता है. आज स्थिति यह है की प्रखंड क्षेत्र में सक्रिय बिचौलिये द्वारा 900 से 1000 रूपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों की धान खरीद कर उसे स्टॉक करने में लगे हुए है. फिर इन्हीं बिचौलिये द्वारा बाद में स्टॉक में रखे गये धान को बिचौलिया सरकारी स्तर के पदाधिकारी से सांठ गांठ कर सरकारी दर 1410 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बेचेंगे और सरकार द्वारा दिये गये किसानों के लिये इस मुनाफा से किसानों को वंचित रहकर अपने बदहाली और विवशता पर आंसू बहाने के अलावे कोई दूसरा चारा नहीं बचता. इस बाबत व्यापार मंडल अध्यक्ष अमित कुमार लाल से पुछे जाने पर उन्होनें बताया की प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्षों द्वारा बीसीओ को किसानों का डाटाबेस तैयार कर दे दिया गया है. कुछ गड़बड़ी के कारण डेटाबेस पुन: भेजा गया है. कैश क्रेडिट भी हो चुका है जल्द ही क्रय केन्द्र खोला जायेगा. — वर्जन — किसानों का डाटाबेस जिला टास्क फॉर्स में अनुमोदन होना है. अनुमोदन होने के पश्चात क्रय प्रारंभ हो जायेगा. अश्वनी कुमार, बीसीओ, पुरैनी मधेपुरा.
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अबतक नहीं खुला धान क्रय केंद्र, आक्रोश
अबतक नहीं खुला धान क्रय केंद्र, आक्रोश — बिचौलिये के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं किसान–केंद्रों के अभाव में मुनाफा लूट रहे हैं बिचौलिय — पैक्सों को कैश क्रेडिट मिलने के बावजूद नतीजा सिफर प्रतिनिधि, पुरैनी राज्य सरकार के द्वारा राज्य भर में पांच दिसंबर से ही हर हाल में धान क्रय केन्द्र खोले […]
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