फिर सक्रिय होने लगे हैं नक्सली !
फिर सक्रिय होने लगे हैं नक्सली ! — जिले के दियरा क्षेत्र में पंचायत चुनाव की आहट से नक्सली गतिविधियों हो रही है तेज — किसानों में एक बार फिर पनपने लगा है दहशत का माहौल, फिर शुरू हो सकता है किसानों का पलायन — प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा. पुलिस की निष्क्रयता व पंचायत चुनाव निकट […]
फिर सक्रिय होने लगे हैं नक्सली ! — जिले के दियरा क्षेत्र में पंचायत चुनाव की आहट से नक्सली गतिविधियों हो रही है तेज — किसानों में एक बार फिर पनपने लगा है दहशत का माहौल, फिर शुरू हो सकता है किसानों का पलायन — प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा. पुलिस की निष्क्रयता व पंचायत चुनाव निकट देख एक बार फिर उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र में नक्सलाइट शांति पाल गुट की सक्रियता बढ़ जाने से लोग डरे सहमे हुए हैं. पूर्व में यहां लोग नक्सलियों के आतंक को झेल चुके हैं. वर्तमान में गुरिल्ला दस्ता द्वारा रात में बैठक कर संगठन को मजबूत व विस्तार करने का काम नक्सलियों द्वारा तेज कर दिया गया है. दियरा क्षेत्र में इन गतिविधियों को लेकर दहशत व्याप्त है. — पंचायत चुनाव निकट देख सक्रिय हुए नक्सली– ग्राम पंचायत चुनाव निकट देख नक्सलियों द्वारा रात में बैठक कर संगठन मजबूत व विस्तार करने का काम नक्सलियों द्वारा तीव्र गति से किया जा रहा है. जिससे लगता है भविष्य में नक्सलियों द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को कभी भी अंजाम दिया जा सकता है. फिर भी नक्सली अड्डे को ध्वस्त करने के लिए पुलिस खास रणनीति नहीं बना पायी है. जिसके कारण नक्सलाइट शांति पाल गुट का जड़ जमता जा रहा है. गांव है नक्सलियों का अड्डास्थानीय थाना के नयानगर ग्राम पंचायत के तहत नवटोलिया, अरजपुरिया वासा, सिंगारपुर व नवटोल गांव नक्सलाइट का बड़ा अड्डा बन गया है. जिसका संचालन गांव के किशोर शर्मा, शनिचर शर्मा व राम शर्मा द्वारा किया जा रहा है. सप्ताह में एक दिन रात में नक्सलाइट से जुड़े लोगों का बैठक हुआ करता है. इस बैठक में भविष्य की रणनीति बनायी जाती है. — नक्सलियों को किया जाता है प्रशिक्षित — महीने में एक बार रात में जो बैठक नक्सलियों की जो होती है उसमें खगड़िया जिले के बैलदोड़ व पूर्णिया जिले के रूपौली थाना क्षेत्र के नक्सली सरगना शामिल होते हैं. जो स्थानीय नक्सलियों को प्रशिक्षित व नक्स-विचारधारा से प्रेरित करते हैं. यहां तक की हथियार चलाने और विरोधी से निबटने के गुर भी बताये जाते हैं. — पहले हुई है कई लोगों की हत्या — पुलिस का मुखबीरी करने या नक्सलियों का विरोध करने के कारण पूर्व में नक्सलियों द्वारा कई लोगों की हत्या की जा चुकी है. तत्कालीन प्रखंड उप प्रमुख व सिंगारपुर गांव के मो नजिर उद्दीन नवटोल के चलित्र शर्मा, सिंगारपुर के हेम नारायण झा, उमाकांत शर्मा, नयानगर के मीणा देवी जैसे कई अन्य लोगों की हत्या इसी वजह से नक्सलियों द्वारा की जा चुकी है. फलस्वरूप स्थानीय लोग नक्शली गतिविधि की जानकारी पुलिस को नहीं दिया करते है. — पलायन कर चुके है लोग — नक्सलियों के डर से नयानगर ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया व सिंगारपुर गांव के रहने वाले अब्दुल अहद नवटोल गांव के गोपाल झा जैसे कई अन्य लोग जान बचाने के लिए गांव छोड़ कर मधेपुरा या अन्यत्र जगहों पर शरण लिये हुए हैं. ऐसे लोगों की संख्या दर्जनों हैं. लेकिन भय से वे मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं. खेती बारी छोर कर लंबे समय से पलायन के समय आर्थिक स्थिति भी काफी प्रभावित हुई है. – 1980 से जारी है नक्सली गतिविधि — उक्त थाना अंतर्गत नवटोल, सिंगारपुर, अरजपुरिया वासा, नवटोलिया, बरमोत्तर गांव में 1980 इ से ही नक्शलाइटों ने पांव जमाना शुरू कर दिया था. तब पूर्णिया जिले के रूपौली थाना अंतर्गत कांप गांव के गौनर शर्मा एरिया कमांडर हुआ करता था. उस समय स्थिति ऐसी थी की घर से निकलना लोग वाजिब नहीं समझते थे. लेकिन 1994 के बाद 1997 के बीच पुलिस की सक्रियता से नक्सालियों के अड्डे को समाप्त कर दिया गया था. लेकिन पुलिस की सिथिलता के कारण एक बार फिर नक्सली गतिविधि जोड़ पकड़ने लगा है. फलस्वरूप कई लोग यहां से बाहर निकल जाना उचित समझते है.– महिला दस्ता भी है सक्रिय — नक्सलाइट गिरोह में महिला दस्ता भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. जिसका काम है एक स्थान से दूसरे स्थान तक हथियार पहुंचा दिया जाना. गैर नक्शलियों की गतिविधि की सूचना नक्शली सरगना तक पहुंचाना और भोजन की व्यवस्था करना भी महिला नक्सलाइट के जिम्मे रहता है. ऐसी भी बात नहीं की महिला दस्ता में शामिल नक्सलियों का शारीरिक शोषण नहीं होता. — हथियारों का है जखीरा — नक्सलियों के पास हथियारों का जखीरा है. अत्याधुनिक राइफल से लेकर पुलिस से लूटी गयी राइफल गिरोह के पास है. लेकिन नक्सलियों की खासियत है कि वो बेवजह हथियार प्रदर्शन नहीं करता है. किसी भी घटना को अंजाम देने के बाद उस स्थान से तत्काल ही हथियार दूसरे स्थान पर भेज देता है. — हत्या करने का तरीका है अलग — नक्सलियों द्वारा गोली मार कर लोगों की हत्या नहीं की जाती है. बल्कि धारदार हथियार से गला रेत लोगों की हत्या की जाती है. अगर पुलिस की कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में थाना क्षेत्र का पश्चिमी भू-भाग पर एक बार फिर नक्सलियों का समानांतर शासन चलेगा और मुखिया चुनाव में व्यवधान भी डाला जा सकता है. गांव में लोगों का जीना दूभर हो जायेगा. रात की बात कौन करें दिन में लोग रास्ता चलना छोड़ देंगे. तब पुलिस प्रशासन के लिए नक्सलाइट सिरदर्द बन जायेगा. — वर्जन — थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधि सक्रिय है, फिलहाल पुलिस को इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिल रही है. लेकिन मधेपुरा पुलिस स्वत: संज्ञान लेकर इस दिशा में कार्रवाई करेगी. लोगों को शांति व सुरक्षा देना पुलिस का कर्तव्य है. इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. रहमत अली, एसडीपीओ, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा.