दोनों तरफ से ठनी रही रार, दर्ज हुई प्राथमिकी

मधेपुरा : कुमारखंड प्रखंड के रानीपट्टी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन के दौरान हुए विवाद के मामले में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. चिकित्सक डाॅ श्रवण कुमार यादव के फर्द बयान पर कुमारखंड थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है, वहीं दूसरी ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2016 3:44 AM

मधेपुरा : कुमारखंड प्रखंड के रानीपट्टी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन के दौरान हुए विवाद के मामले में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. चिकित्सक डाॅ श्रवण कुमार यादव के फर्द बयान पर कुमारखंड थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है,

वहीं दूसरी ओर बेलारी ओपी अध्यक्ष कृत्यानंद पासवान के आवेदन पर अनुसूचित जाति जनजाति थाना में भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. हालांकि, एससी एसटी थानाध्यक्ष इस प्राथमिकी दर्ज होने की बात तो स्वीकार करते हुए इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया.

चिकित्सक के बयान पर कुमारखंड थाना में दर्ज प्राथमिकी में डाॅ श्रवण कुमार यादव ने कहा है कि 26 जनवरी की सुबह जब झंडोत्तोलन के लिए वह रानीपट्टी एपीएचसी पहुंचे तो वहां पहले से 20-25 की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. ग्रामीणों ने चिकित्सक को धक्का देते हुए कहा कि आप रोज ड्यूटी पर नहीं आते हैं इसलिए झंडोत्तोलन करने नहीं देंगे.
इस दौरान पहुंचे बेलारी ओपी अध्यक्ष कृत्यानंद पासवान ने चिकित्सक के साथ गाली गलौज करते हुए लाठी से मारपीट की. लाठी टूट जाने पर प्लास्टिक के डंडे से मार कर जख्मी कर दिया. ओपी अध्यक्ष ने चिकित्सक को धमकी देते हुए कहा कि तुम देश द्रोही हो, तुम्हे झंडोत्तोलन करने नहीं देंगे.
चिकित्सक ने आरोप लगाया है कि इस दौरान दारोगा ने गोली मारने की धमकी भी दी. इस दौरान चिकित्सक के साथ स्वास्थ्य प्रबंधक अनिश कुमार भी मौजूद थे. वहीं जानकारी के अनुसार बेलारी ओपी अध्यक्ष कृत्यानंद पासवान ने अनुसूचित जाति जनजाति थाना में आवेदन दे कर डाक्टर श्रवण कुमार, कुमारखंड पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा वेद प्रकाश गुप्ता सहित स्वास्थ्य प्रबंधक अनिश कुमार पर मारपीट करने, वर्दी और टोपी फाड़ने का आरोप लगाया है.
ओपी अध्यक्ष ने अपने आवेदन में कहा है कि 26 जनवरी को रानीपट्टी में हंगामे की सूचना पर जब वह पहुंचे तो देखा कि ग्रामीण चिकित्सकों के साथ मारपीट कर रहे हैं. ओपी अध्यक्ष को देखते ही तीनों आक्रोशित हो गये और घटना स्थल पर देर से आने का आरोप लगाते हुए ओपी अध्यक्ष की वर्दी और टोपी फाड़ दी. ओपी अध्यक्ष ने मारपीट करने का आरोप भी लगाया है.

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