खंडहर बना टाउन हॉल

उदाकिशुनगंज, मधेपुरा : एसबीजेएस हाई स्कूल मैदान के समीप दशकों पूर्व बना टाउन हॉल भवन खंडरनुमा बनते जा रहा है. इस भवन को देखने वाला कोई नहीं है. यदि इस भवन पर ध्यान दिया जाये तो फिर से खुबसूरती लौट सकती है. तब यहां के लोगों को सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रम कराने में सहुलियत होगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2016 4:25 AM

उदाकिशुनगंज, मधेपुरा : एसबीजेएस हाई स्कूल मैदान के समीप दशकों पूर्व बना टाउन हॉल भवन खंडरनुमा बनते जा रहा है. इस भवन को देखने वाला कोई नहीं है. यदि इस भवन पर ध्यान दिया जाये तो फिर से खुबसूरती लौट सकती है. तब यहां के लोगों को सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रम कराने में सहुलियत होगी. समय-समय पर भवन का उपयोग सरकारी कामों के लिए किया जा सकता है. खंडरनुमा बन रहे इस भवन को उद्धारक की तलाश है. क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी से भवन मरम्मति का आग्रह किया है. ताकि भवन बनने से मुख्यालय फिर से रौशन हो सके.

27 वर्ष पूर्व बना था भवन
मुख्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढावा देने और समय समय पर भवन का उपयोग सार्वजनिक कार्यक्रम में किये जाने को लेकर 27 वर्ष पूर्व निर्माण कार्य कराया गया था. जिला योजना से निर्मित भवन निर्माण कार्यपूर्ण होने के बाद दस नबंबर 1989 ई को इसका उद्घाटन तत्कालीन कोसी आयुक्त मदन मोहन सिंह ने किया था. उद्घाटन समारोह में उस समय तत्कालीन आरक्षी उपमहानिरीक्षक डीएल रजक व अनुमंडल पदाधिकारी आईडी प्रधान मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मधेपुरा के तत्कालीन डीएम अशोक सिन्हा ने किया था.
होता था सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुख्यालय में टाउन हॉल बनने के बाद समय पर विभिन्न कल्बों, सामाजिक लोगों व सरकारी पदाधिकारियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहा. बच्चों के बीच खेल एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन इस भवन में हुआ करता था. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धुम अब सुनाई नहीं देता है. वजह की टाउन हॉल वर्षों से बेकार पड़ कर रह गया है.
होते थे सरकारी कार्यक्रम
इस भवन का उपयोग सरकारी कामों में हुआ करता था. जब भवन दुरूस्त था तो भवन में मैट्रिक और इंटर का परीक्षा केंद्र भी बनाया गया. जबकि सरकारी स्तर पर परीक्षा के लिए आज के समय में भवन का अभाव प्रशान को खटकता रहा है. इस भवन का उपयोग तो मतगणना कार्य में भी हुआ करता था. यूं कहें कि भवन से काफी फायदा हुआ करता था.
मिलता था राजस्व
सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रम को बढावा दिये जाने के उदेश्य से स्थपित किये गये इस भवन के उपयोग से सरकारी राजस्व का भी फायदा हुआ करता था. निर्धारित शुल्क जमा होने के बाद ही भवन का आवंटन लोगों को हुआ करता था. भवन के मृत प्राय बन जाने से सरकारी राजस्व को घाटा पहुंच रहा है.
कहते हैं लोग
स्थानीय युवा राजू कुमार जग्गा, पिंटेश कुमार, जॉनशन,नीतीश कुमार यादव, लव, शंकर, आनंद, पारितोष झा, आदि का कहना है कि भवन का मरम्मति कार्य जरूरी है. इससे भवन का लाइफ भी बढेगा और लोगों को कार्यक्रम आयोजित कराने में परेशानी नहीं होगी. भवन की सुंदरता बढने से मुख्यालय फिर से रौशन होगा.

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