देश के हर क्षेत्र में चरम पर है भ्रष्टाचार

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन देश भर के वक्ताओं ने भ्रष्टाचार के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए इसके निदान के उपाय बताये. भ्रष्टाचार के कारण और निवारण विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार में भ्रष्टाचार के राजनीतिक संदर्भ, आर्थिक संदर्भ, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 1:08 AM
मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन देश भर के वक्ताओं ने भ्रष्टाचार के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए इसके निदान के उपाय बताये.
भ्रष्टाचार के कारण और निवारण विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार में भ्रष्टाचार के राजनीतिक संदर्भ, आर्थिक संदर्भ, शैक्षिक संदर्भ, न्यायिक संदर्भ, सामाजिक संदर्भ, धार्मिक संदर्भ, सांस्कृतिक संदर्भ, मीडिया संदर्भ, चिकित्सीय संदर्भ सहित अन्य सदंर्भों पर वक्ताओं ने विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. इससे पहले रविवार को सेमिनार के द्वितीय सत्र का शुभारंभ अतिथियों का स्वागत कर किया गया. मौके पर मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य डाॅ अशोक कुमार ने बलिया उत्तर प्रदेश के जिला न्यायाधीश डॉ रामलखन सिंह यादव, बीएनएमयू के प्रतिकुलपति डॉ जय प्रकाश नारायण झा, वरिष्ठ पत्रकार चंदन शर्मा को शॉल व बुके देकर सम्मानित किया. सेमिनार के मुख्य वक्ता जिला न्यायाधीश डॉ रामलखन सिंह यादव ने कहा कि जिस देश में गीता, वेद, उपनिषद लिख कर दुनिया को भाईचारे का संदेश दिया गया, उसी देश में आज भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में चरम पर है.
उन्होंने कहा कि लोभ-लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना, पैरवी और पैसे के बल पर गलत कार्य को करवाना, शैक्षणिक संस्थान में पैसे और पहुंच के बल पर नामांकन कराना यह भ्रष्टाचार नहीं है तो और क्या है. डॉ सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के मूल मंत्र में राजनेताओं की सोच है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सत्तासीन लोगों को एक शिक्षक से अधिक वेतन दिया जाता है.
अगर नहीं तो उनकी संपति कुछ ही सालों में इतना अधिक कैसे बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि लोगों की संवेदनशीलता मर चुकी है. डॉ यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों के खाते की जांच हो, उन्हें भी आरटीआइ के अंतर्गत रखना चाहिए. न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कहा कि भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने भी यह कबूल किया था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार बढ़ा है.
सेमिनार में वरिष्ठ पत्रकार चंदन शर्मा ने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार की स्थिति काफी विस्फोटक हो गयी है. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां भ्रष्टाचार न्यूनतम स्तर पर है, वैसे देशों से हमें सीख लेनी चाहिए. चुनावी प्रणाली को ठीक किये बिना इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता. जबतक हम सही जनप्रतिनिधि का चयन नहीं करेंगे, तब तक भ्रष्टाचार मुक्त समाज नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि देश भक्त देश में भ्रष्टाचार दुखद है. उन्होंने कहा कि हमें संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा.

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