लापरवाही. शहर में बड़े वाहनों के प्रवेश से आवागमन में होती है परेशानी

जाम से निजात दिलाने में प्रशासन फेल शहर में रोज लगाने वाले जाम से जिलेवासियों को आवागमन में परेशानी हो रही है. अिधकारी जाम से निजात दिलाने में विफल हो रहे हैं. मधेपुरा : मधेपुरा में विकास की गाड़ी अब रफ्तार पकड़ने लगी है. यहां विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण का मार्ग जहां प्रशस्त हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2016 6:05 AM

जाम से निजात दिलाने में प्रशासन फेल

शहर में रोज लगाने वाले जाम से जिलेवासियों को आवागमन में परेशानी हो रही है. अिधकारी जाम से निजात दिलाने में विफल हो रहे हैं.
मधेपुरा : मधेपुरा में विकास की गाड़ी अब रफ्तार पकड़ने लगी है. यहां विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण का मार्ग जहां प्रशस्त हो चूका है. वहीं शहर के सटे सबैला गांव में भूपेंद्र नारायण मंडल विवि के नये परिसर में निमार्णाधीन मेडिकल कॉलेज की इमारते गगन चूंब रही है. अप्रैल माह से एनएच 106 का निर्माण भी शुरू हो जायेगा. इससे लग रहा है कि अब जिलेवासियों के दिन बहुरेंगे, लेकिन इन सबके बीच आज भी मधेपुरा शहर कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.
शहर को सुसज्जित करने की दिशा में प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर अब तक कोई कारगर प्रयास नहीं दिख रहा है. वर्तमान स्थिति को देख ऐसा लगता है कि मधेपुरा को बड़े शहरों के रूप में विकसित होने में कहीं वर्षों का समय न लग जाये. वर्तमान में कई ऐसे कारण है. जिसमें मुख्य रूप से शहर के मुख्य बाजार में हमेश जाम लगा रहना, यहां ट्रेफिक नियम का पालन नहीं होना व शहर में नो इंट्री का सख्ती से लागू नहीं होना भी है. हालांकि इसके अलावा शहर में प्रसाधन सहित अन्य सुविधाओं का अभाव है.
शहर में नो इंट्री लागू करने में प्रशासन विफल :
नो इंट्री का सख्ती से पालन नहीं होने के कारण शहर के मुख्य बाजार में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. शहरवासी भी ऐसा ही मानते है कि शहर में नो इंट्री का सख्ती से लागू नहीं होना ही जाम का कारण है. इसके बावजूद नो इंट्री को लेकर प्रशासन का मौन धारण करना कई सवालों को जन्म दे रहा है. लोग दबी जुबान से यह भी कह रहे है कि नो इंट्री के समय में बड़े वाहनों के प्रवेश पर निर्धारित शुल्क की वसूली की जाती है.
इसके कारण दिन भर ट्रेफिक नियम की धज्जी उड़ाते हुए ओवरलोड ट्रक व माल वाहक गाड़ी बेरोकटोक शहर में प्रवेश करते है. यत्र-तत्र बड़े वाहनों को खड़ा कर अनलोड किया जाता है. कभी-कभी तो दिन में यात्रियों से भरी बस मुख्य बाजार से होकर गुजरती है. इसका परिणाम होता है कि शहर के हर चौर-चौराहे में जाम की स्थिति बनी रहती है. नो इंट्री के उल्लंघन के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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