बैंक खुलते ही अफरा-तफरी

बिहार दिवस से लेकर रविवार तक सरकारी निर्देशानुसार बैंक को बंद रखा गया था. होली को लेकर ज्यादातर लोगों की जेब सुनी सी हो गई थी. उदाकिशुनगंज मुख्यालय में लगे एक मात्र एसबीआइ एटीएम पिछले एक वर्ष से खराब रहने की वजह से लोगों के बीच पैसे निकासी का कोई साधन नहीं था. नतीजतन, सोमवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2016 5:50 AM

बिहार दिवस से लेकर रविवार तक सरकारी निर्देशानुसार बैंक को बंद रखा गया था. होली को लेकर ज्यादातर लोगों की जेब सुनी सी हो गई थी. उदाकिशुनगंज मुख्यालय में लगे एक मात्र एसबीआइ एटीएम पिछले एक वर्ष से खराब रहने की वजह से लोगों के बीच पैसे निकासी का कोई साधन नहीं था.

नतीजतन, सोमवार को बैंक खुलने पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा.

उदाकिशुनगंज : प्रखंड मुख्यालय मे लगे एक मात्र एसबीआई शाखा पिछले एक सप्ताह से सरकारी छुट्टी के कारण बंद रहने के बाद सोमवार को खुलते ही शाखा के अंदर बैंक ग्राहकों का जमघट सा लग गया. लोगों की भीड़ इस प्रकार उमड़ पड़ी की पंक्तिबद्ध होने के बावजूद शाखा के बाहरी गेट तक घंटों लाइन लगी रही. हालांकि भीड़ को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन भी सक्रिय देखी. बिहार दिवस से लेकर रविवार तक सरकारी निर्देशानुसार बैंक को बंद रखा गया था.
होली को लेकर ज्यादातर लोगों की जेब सुनी सी हो गई थी. उदाकिशुनगंज मुख्यालय में लगे एक मात्र एसबीआइ एटीएम पिछले एक वर्ष से खराब रहने की वजह से लोगों के बीच पैसे निकासी का कोई साधन नहीं था.
कहते हैं बैंक ग्राहक . बैंक मे पैसे निकासी के लिए आयी बराही निवासी बबीता देवी का कहना था कि एक तो अनुमंडल मुख्यालय होने के बावजूद एसबीआई का एक शाखा है. उपर से सरकार द्वारा कई दिनों तक लगातार बैंक को बंद कर दिया जाता है. बैंक के माध्यम से एटीएम कार्ड जारी कर दिया गया है. बावजूद पिछले एक साल से एटीएम खराब पड़ा है. वहीं स्थानीय व्यवसायी रमेश कुमार का कहना है कि बैंक के लंबे समय तक बंद रहने से हम व्यवसायियों के व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वही छर्रापट्टी निवासी रौशन कुमार का कहना है कि आज के दौर मे ज्यादातर लोग बैंक पर निर्भर हो चुका है.
बावजूद सरकार द्वारा पिछले सप्ताह से बैंक को बंद रखा गया. उपर से पिछले वर्ष से एटीएम खराब पड़ा है. जिसके वजह से हम प्रखंड वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. जबकि करौती निवासी बिमला देवी बताती है कि पिछले दो घंटे से खुले आसमान के नीचे लाइन में खड़ी हूं. भीड़ इतनी है कि लाइन मे खड़ा होना भी दुश्वार हो गया है. लेकिन क्या करे, रूपये की जरूरत ही इस तरह की है कि रूपये निकासी करना मजबूरी है. यदि एटीएम ठीक रहता तो इस प्रकार लाइन मे खड़ा होना नहीं पड़ता.

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