प्रचंड गरमी. अनुमंडल क्षेत्र में बढ़ती गरमी के कारण परेशान हैं आम लोग व िकसान

घटते जल स्तर से किसानों में हाहाकार मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र मे बढ़ती गरमी के कारण मक्का की खेती पर बुरा असर पड़ा रहा है जिससे लोग परेशान हैं. मधेपुरा : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र मे बढ़ती गर्मी के कारण मक्का की खेती पर बुरा असर पड़ा रहा है. गर्मी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 6:33 AM

घटते जल स्तर से किसानों में हाहाकार

मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र मे बढ़ती गरमी के कारण मक्का की खेती पर बुरा असर पड़ा रहा है जिससे लोग परेशान हैं.
मधेपुरा : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र मे बढ़ती गर्मी के कारण मक्का की खेती पर बुरा असर पड़ा रहा है. गर्मी की चढती सूई के कारण यहां के ज्यादातर मकई का पौधा सुखने के कगार पर है. यहा के किसान पंपसेट के सहारे मकई मे पानी देते-देते परेशान है. फिर भी खेतों की प्यास नही बुझ पा रही है.
स्थिति यह है कि इलाके के कुछ पंपसेट भी खराब होने के कगार पर है. जबकि कुछ पंपसेट खराब भी हो चुका है. वही समयानुसार बारिश के नही होने के कारण क्षेत्र के लगभग धार भी पुर्नतः सुख चुका है. इतना ही नही गर्मी के कारण कुआ का पानी लगभग दो फीट निचे पहुंच चुका है. जबकि यह इलाका मक्के की खेती के लिए प्रसिद्ध है.
कहते हैं किसान
उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पिपरा करौती पंचायत के छर्रापट्टी गांव मे जब शनिवार को क्षेत्र के किसान से रूबरू हुआ तो स्थानीय किसान हरिलाल साह, अनन्दी साह, विन्देश्वरी शर्मा, मनोज चौरसिया, चिन्टु कुमार आदि ने बताया कि हमारे पड़ोसी सियाराम शर्मा के खेत मे पिछले साल गलाए गए बोरिंग से पानी निकलना अचानक बंद हो गया है. जिससे हमलोगो का लगभग 80 से 90 बीघा मकई सुखने के कगार पर है.
दस दिन पूर्व जब खेत मे पानी पटवन करने के उद्देश्य से उक्त बोरिंग मे पंपसेट लगाया तो पंपसेट पानी ही नही दिया. पंपसेट खराब होने की आशंका से दुसरा पंपसेट भी बोरिंग मे लगाया गया. लेकिन जब पानी नही दिया तब जाकर एहसास हुआ कि बोरिंग ही खराब हो गया है.
धार भी है पानी के लिए ललाइत
उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नयानगर भगवती स्थान मंदिर के सामने से गुजरने वाली धार पूर्णतः सुख गयी है. यह धार झंझरी से निकलकर बिसनपुर तक जाती है. इस धार मे पानी रहने धार के दोनो साइट के खेतों मे पानी पंपसेट के माध्यम से आसानी से पहुंच जाता था. जिससे यहा के किसानो को खेती करने मे आसानी होती थी. इस वार अधिक गर्मी के कारण यह धार भी किसानो को धोखा दे गयी.

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