सूरज से दूर हुआ प्रकाश, तो दिलशाद ने छीनी खुशियां

सिंहेश्वर : सिंहेश्वर थाना के दुर्गा चौक के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर बुधवार की सुबह हुई सड़क दुर्घटना में प्रकाश और मो दिलशाद की मौत घटनास्थल पर हो गयी. घटना स्थल पर पहुंचे लोगों ने इस घटना से आहत हो कर मृतक के परिजनों के साथ गले से गले मिलकर एक दूसरे को संत्वना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2016 6:02 AM

सिंहेश्वर : सिंहेश्वर थाना के दुर्गा चौक के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर बुधवार की सुबह हुई सड़क दुर्घटना में प्रकाश और मो दिलशाद की मौत घटनास्थल पर हो गयी. घटना स्थल पर पहुंचे लोगों ने इस घटना से आहत हो कर मृतक के परिजनों के साथ गले से गले मिलकर एक दूसरे को संत्वना देते रहे.

हर कोई आंख की नमी को छुपाकर दूसरे को ढ़ंढ़ासा देते रहे. प्रकाश ने इसी वर्ष आर्टस विषय से इंटर का परीक्षा दिया था और दलिशाद नवीं में दाखिले के लिए सिंहेश्वर के मनोहर दुर्गा उच्च विद्यालय से नामांकन फॉर्म लेकर अपने गांव जा रहा था. लेकिन एक ने तो अपना परीक्षाफल भी नहीं जाना जबकि दूसरे का इंतजार उसके साथी करते रह गये.

मां से पहले भगवान ने सुना परीक्षा फल : प्राकाश ने अपनी दसवीं की पढ़ाई मनोहर दुर्गा उच्च विद्यालय से वर्ष 2014 में उर्तीण हुआ था और 2016 में आर्टस अपना परीक्षा दिया था. वो मां से कहता कि मां सायंस का रिजल्ट अच्छा नहीं आया है लेकिन में प्रथम श्रेणी में पास हो जाउंगा चिंता मत कऱ
शायद बेटे के इस उत्साह को उसकी मां देख नहीं पायी और अपना रिजल्ट सुनाने से पहले भगवान ने अपना रिजल्ट सुना दिया और प्रकाश अपने भाई सुरज से दूर चला गया. प्रकाश दो भाई और एक बहन था. भाई का नाम सूरज था. रोते रोते सूरज मां से कहता कि मां अब मुझे रौशनी कौन दिखायेगा और रोने लगता. प्रकाश की मां पवन देवी ये कहते नहीं थकती की आखिर दोश किसका था मेरा या मेरे भाग्य का जो मेरा बेटा बगैर अपनी रिजल्ट सुनाये और मुझे आग दिये चला गया.
दो दोस्त चले एक साथ : मो दिलशाद व प्रकाश उम्र में बेशक छोटे- बड़े थे लेकिन दोनों पक्के दोस्त थे. ग्रामीणों का कहना है कि दोनों अपनी-अपनी मोबाइल का दुकान चलाते थे और एक दूसरे के लिए मर मिटने की कसमें खाया करते थे. दोनों हिंदु मुस्लमान की सीमा से बाहर दूसरी दुनियां में जीते थे. आज भगवान व खुदा ने अपने – अपने साथ दोनों को बुला ही लिया. ग्रामीणों की मानें तो दोनों उम्र में छोटे जरूर थे. इनका स्वभाव काफी सरल व व्यवहारिक था और कंप्यूटर की महारथ हासिल था. दोनों सॉफ्टवेयर की सारी जानकारी रखते थे.
प्रत्याशियों की जमा हुई भीड़: चुनाव के इस मौसम में पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए प्रत्याशियों की भीड़ जमा थी. हर नेता पीड़ित परिवार से मिलकर अपना दर्द बांटने के लिए और अपनी उपस्थिति दिखाने में लगे थे. घटना की सूचना के बाद सीआई अभिमन्यु यादव, जदयू नेता दीपक यादव, मंजूर आलम, पिंटु यादव, बिनोद कुमार, सुशांत कुमार, मो सद्दाम सहित कई लोग मौजूद थे.

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