धोखाधड़ी की प्राथमिकी, नौ को जेल

गोरखधंधा . नौकरी देने के नाम पर किया फर्जीवाड़ा शहर में शनिवार को जन समुदाय सेवा संस्थान नाम की एक संस्था की ओर से तथाकथित भारत सरकार द्वारा पोषित अतिरिक्त परस्पर बाल शिक्षा कार्यक्रम में बतौर शिक्षक बहाल करने के फजीवाड़े के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रविवार को नौ लोगों को जेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2016 12:21 AM

गोरखधंधा . नौकरी देने के नाम पर किया फर्जीवाड़ा

शहर में शनिवार को जन समुदाय सेवा संस्थान नाम की एक संस्था की ओर से तथाकथित भारत सरकार द्वारा पोषित अतिरिक्त परस्पर बाल शिक्षा कार्यक्रम में बतौर शिक्षक बहाल करने के फजीवाड़े के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रविवार को नौ लोगों को जेल भेज दिया. इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के आवेदन पर सदर थाना में प्राथिमकी दर्ज की गयी है.
मधेपुरा : सदर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि बीइओ के बयान पर अवैध तरीक से शिक्षक नियुक्ति के मामले में जमशेदपुर के मो एजाज, खगड़िया जिले के चौथम के मो अमजद आलम, नितेश कुमार, सोनू आलम, शब्बीर आलम, तौसीफ आलम, परवत्ता के रजा आलम, मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड स्थित कलासन के अभिषेक कुमार, अनुश्री के खिलाफ थाना कांड संख्या 280‍/16 धारा 406, 420, 467, 468, 471 दप्रस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. इस मामले में गहन अनुसंधान की जिम्मेदारी अवर पुलिस निरीक्षक महेश यादव को दी गयी है.
फर्जी तौर पर शिक्षक की बहाली करने वाला संस्थान जन समुदाय सेवा संस्थान विगत दस दिनों से मधेपुरा में डेरा डाल कर फर्जीवाड़े को अंजाम देने में लगा था
आधी रात को किया कॉल
इस फर्जी संस्थान ने अधिकारियों ने अभ्यर्थियो से कहा था कि सभी जिले सभी प्रखंड से नियुक्ति की जायेगी. प्रत्येक दिन कक्षा एक से कक्षा दस के छात्रो के बच्चों को पढाया जाना था. अभ्यर्थियों को रात में 11 और 12 बजे फोन कर 21 मई शनिवार को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. मधेपुरा के कुछ अभ्यर्थियों को तो शनिवार की सुबह फोन किया गया. कुछ सजग अभ्यर्थियों ने बताया कि विगत दस दिनों से यह खेल चल रहा था और इसकी सूचना प्रशासनिक पदाधिकारियों को मेल के जरिये दी गयी थी.
पांच दिन में पचास लाख समेटने की थी योजना
जिला मुख्यालय में शनिवार को फर्जी तौर पर शिक्षक की बहाली करने वाली संस्था जन समुदाय सेवा संस्थान के नौ लोग पकड़े गये. उनके पकड़े जाने में सजग अभ्यर्थियों की अहम भूमिका रही. खास बात यह है कि अगर सब कुछ इन फर्जी लोगों की योजनानुसार होता तो उनकी झोली में केवल मधेपुरा जिले से ही करीब पचास लाख होते. फिलवक्त इनलोगों को प्रथम चरण के केवल पांच लाख रुपये ही हाथ लगे.
21 मई को होती 1870 शिक्षकों की नियुक्ति . संस्था को मधेपुरा जिले के सभी प्रखंडों में 1870 शिक्षकों को नियुक्ति करना था. इन चयनित शिक्षकों में से प्रत्येक को चालीस बच्चे से फार्म भरवा कर बीपीएल से 70 रपये और एपीएल से 71 रुपये लेना था. इस हिसाब से सभी 1870 शिक्षकों को औसतन 2800 रुपये चार दिनों के भीतर संस्था में आ कर जमा कराना था. अगर ये सभी 1870 शिक्षक औसतन ढाई हजार भी जमा कराते तो यह राशि करीब 47 लाख रुपये हो जाती.

Next Article

Exit mobile version