जिले का पहला मामला कराया दर्ज
लोक शिकायत निवारण अधिनियम . जौतेली के राधेश्याम मेहता पहुंचे काउंटर पर बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हो गया. इसके साथ ही मधेपुरा जिले में भी अनुमंडल व जिला स्तर पर लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत हो गया है. इन कार्यालयों में अब शिकायतों की सुनवाई ही नहीं, समाधान होगा. यह अब […]
लोक शिकायत निवारण अधिनियम . जौतेली के राधेश्याम मेहता पहुंचे काउंटर पर
बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हो गया. इसके साथ ही मधेपुरा जिले में भी अनुमंडल व जिला स्तर पर लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत हो गया है. इन कार्यालयों में अब शिकायतों की सुनवाई ही नहीं, समाधान होगा. यह अब लोगों का अधिकार बन गया है.
जिन शिकायतों का समाधान नहीं होगा, उससे संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित देना होगा. यदि संबंधित व्यक्ति उस फैसले से संतुष्ट नहीं होगा, तो वह अपील में जायेगा.
मधेपुरा : जिले में सोमवार को पहला मामला भी कार्यालय में दर्ज कराया गया है. इस अधिनियम के लागू होने के साथ ही किसी की शिकायत को कोई टाल नहीं सकता है. अब तक डीएम से लेकर ऊपर तक सुनवाई होती थी. उसकी शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी नहीं थी. अब शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी होगी. अब उन्हें शिकायतों पर लिखित देना होगा कि किस वजह से शिकायत को अस्वीकार किया जा रहा है.
जिले में पहला मामला जौतेली उदाकिशुनगंज के राधेश्याम मेहता ने लोक शिकायत निवारण कार्यालय में दर्ज करायी. राधेश्याम की शिकायत है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालया जौतेली में छात्रवृत्ति व पोषाक राशि के गबन के मामले में विगत वर्ष जुलाई माह से ही डीएम और डीइओ द्वारा जांच करने की बात कही जा रही है.
आखिर कब तक यह जांच प्रक्रिया जारी रहेगी. राधेश्याम मेहता काफी आशान्वित हैं कि अब शिकायत पर कार्ररवाई होगी. दूसरी ओर सदर अनुमंडल एवं उदाकिशुनगंज अनुमंडल स्थित लोक शिकायत निवारण कार्यालय में पहले दिन एक भी शिकायत नहीं पहुंच सकी. शिकायत दर्ज करने का समय साढे दस से तीन बजे तक है. इस अवधि में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जाती है.
इनकी शिकायत नहीं कर सकते
किसी सेवारत या सेवानिवृत्त लोक सेवक से संबंधित मामले, जिसमें किसी न्यायालय में मामला चल रहा हो या फैसला आया हो. सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन किसी मामले या बिहार लोक सेवा के अधिकार अधिनियम के मामले, आरटीपीएस की शिकायत नहीं कर सकते. हालांकि इसके फेल होने पर शिकायत कर सकते हैं. सरकारी नौकरी, सेवानिवृत्ति से संबंधित किसी तरह की शिकायत नहीं की जा सकती है.
यहां करें शिकायत . शिकायत या परिवाद अनुमंडलीय अथवा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में मौजूद काउंटर या एकीकृत शिकायत प्राप्ति केंद्र पर दर्ज कराया जा सकता है
छात्रवृत्ति व पोषाक राशि गबन के मामले की शिकायत की
क्या है नियमावली
लोक शिकायत निवारण अधिकार नियमावली (आरटीपीजीआर), 2016 आम लोगों को प्रशासन से सीधे जोड़ने या जन केंद्रित प्रशासनिक तंत्र स्थापित करने की पहल है. इसके अंतर्गत आम लोगों को निर्धारित समयसीमा में जन सुविधा, जन सरोकार या किसी सेवा के नहीं मिलने या समय पर नहीं मिलने से संबंधित शिकायत कर सकते हैं.आम लोगों की शिकायत के निवारण की सुदृढ़ कार्य प्रणाली विकसित करने तथा एक निश्चित समय सीमा के अंदर शिकायतों का निष्पादन करने का इसमें प्रावधान है.
ऐसे उठाएं लाभ
इस अधिनियम के
तहत जिन्हें शिकायत करनी है, वे अनुमंडल या जिला कार्यालय से फॉर्म ले सकते हैं.
सादे कागज पर भी अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, इ-मेल, आधार कार्ड संख्या और शिकायत का प्रकार लिखकर जमा कर सकते हैं. इसका फॉर्म वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं. यह वेबसाइट है, http://lokshikayat.bihar.gov.in. यह शिकायत डाक के जरिये या ऑनलाइन भी कर सकते हैं. शिकायत दायर करने पर आवेदक को एक नंबर मिलेगा, जिसके आधार पर इसकी अपडेट स्थिति की जानकारी मिलेगी.
विधेयक में क्या-क्या
सबसे पहले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास शिकायत
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की कार्रवाई से असंतुष्ट होने पर 30 दिनों में प्रथम अपीलीय प्राधिकार के सामने अपील. विशेष परिस्थिति में अपील के लिए 15 दिनों की और छूट
प्रथम अपीलीय प्राधिकार के निर्णय को 30 दिनों में दूसरे अपीलीय प्राधिकार में चुनौती दी जा सकेगी. उचित कारण होने पर 45 दिनों से अधिक की अवधि में भी अपील स्वीकार्य होगा
दूसरा अपीलीय प्राधिकार भी 30 दिनों में अपील का निबटारा करेगा
उसे 500 से पांच हजार का जुर्माना व दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश का अधिकार
दोषी पदाधिकारियों को 75 दिनों में पुनर्विचार आवेदन देने का अधिकार
इस अधिनियम के तहत कार्रवाई को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी