38 आरडी के पास नहर टूटा, फसल बरबाद
प्रखंड अंतर्गत पीपरा करौती पंचायत के मुस्लिम टोला करौती से उत्तर आलमनगर बैतरणी 38 आरडी के पास रविवार को नहर टूटने से लगभग 25 बीघा जमीन जलमग्न हो गया. जिसे मौसमी मजदूर द्वारा बांधने का कार्य जारी है. वहीं बार-बार नहर के टूटने से यहां के किसान अपने खेतों में फसल बुआई नहीं कर पा […]
प्रखंड अंतर्गत पीपरा करौती पंचायत के मुस्लिम टोला करौती से उत्तर आलमनगर बैतरणी 38 आरडी के पास रविवार को नहर टूटने से लगभग 25 बीघा जमीन जलमग्न हो गया. जिसे मौसमी मजदूर द्वारा बांधने का कार्य जारी है. वहीं बार-बार नहर के टूटने से यहां के किसान अपने खेतों में फसल बुआई नहीं कर पा रहे है. फसल बार-बार बर्बाद हो जाता है.
उदाकिशुनगंज : बार-बार नहर के टूटने से यहां के किसान अपने खेतों में फसल बुआई नहीं कर पा रहे है. यहां के किसान संजीव कुमार यादव, नन्दलाल महतों, सुरेश ठाकुर, दिनेश कुमार दिनकर, मो खलील, मो जलाल, मो बसीर आलम, मो मौसिम, मो सबीर, मो अजीम,रामरतन महतो आदि का कहना है कि 2015 ईसवी में इसी माह छः वार यह नहर टूट चुका है. जांच में पदाधिकारी आया तो उसे मौखिक रूप में 38 आरडी सायफन की पक्कीकरण के लिए कहा गया. लेकिन टूटे हुए नहर को सिर्फ मिट्टी से बांध कर कार्य की इतिश्री कर दिया जाता है.
सायफन के दोनों किनारे का पंखी कयी वर्ष पूर्व पूर्ण रूप से टूट गया. तब से आज तक इस पंखी को नहीं बनाया गया. जिसके कारण किसानों द्वारा उगाए फसल बार-बार बर्बाद हो जाता है. इतना ही नहीं इस नहर से यहां के खेतों में पाइप भी नहीं निकला गया है. जिससे नहर का कोई फायदा यहां के किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बल्कि नहर टूटने से नुकसान उठाना पड़ता है. इस वर्ष भी तीन बार इस स्थानों पर नहर टूट चुका है.
जिससे लगभग दस बीघा धान का फसल डूब गया. वहीं टूटे हुए नहर की मिट्टी के सहारे बांध रहे किशुनगंज, आलमनगर, खुरहान के मौसमी मजदुर के अनुसार रविवार को ओभरसियर अभय सिंह के आदेश पर 84 आरडी गया हुआ था. इस बीच नहर टूटने की सूचना मिली तब 38 आरडी पर पहूंचकर बांध बांधने का कार्य कर रहें है. इस संबंध में सिचाई विभाग के एसडीओ चौकलेश्वर खरवार ने बताया कि विभागीय आदेशानुसार नवंबर 2016 के बाद नया टेंडर निकाला जाएगा. जेकेम कंपनी द्वारा मरम्मती किया गया था. लेकिन अधूरा कार्य करने के कारण ऐसी स्थिति सामने आयी है.