आपदा बीमा के नाम पर फर्जीवाड़ा

घपला. किसानों का फसल बीमा करनेवाले एक फर्जी संगठन का खुलासा मधेपुरा : कभी नौकरी दिलाने के नाम पर तो कभी किसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर मधेपुरा में ठगी करने वाली फर्जी संस्थाएं सक्रिय रही है. कई ऐसी फजी संस्था तो लाखों करोड़ों रुपये का वारा न्यारा कर चलती बनी तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2016 5:50 AM

घपला. किसानों का फसल बीमा करनेवाले एक फर्जी संगठन का खुलासा

मधेपुरा : कभी नौकरी दिलाने के नाम पर तो कभी किसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर मधेपुरा में ठगी करने वाली फर्जी संस्थाएं सक्रिय रही है. कई ऐसी फजी संस्था तो लाखों करोड़ों रुपये का वारा न्यारा कर चलती बनी तो कई संस्थाओं का फजीवाड़ा का खुलासा लोगों की जागरूकता के कारण हो सका. प्रभात खबर ने समय -समय पर इस तरह की फर्जीवाड़े का खुलासा कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का काम किया है. इस बार भी गांव के भोले-भाले किसानों को ठगने वाली फजी संस्था का कारनामा सामने आया है.
हालांकि लोग शिक्षित और जागरूक रहें तो इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है लेकिन अशिक्षा के कारण अक्सर गांव के लोग इन फर्जी संस्थाओं के चंगुल में फंस जाते हैं. लेकिन आपदा के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली ये ठग भूल गये कि वे आपदा प्रबंधन मंत्री के क्षेत्र में ही यह ठगी करने पहुंच गये हैं. यहां आम किसान मंत्री से सीधे संवाद करते हैं. ऐसे में इस ठगी का खुलासा होना तय था.
आपदा प्रबंधन बैंगलोर नाम की संस्था कर रही फर्जीवाड़ा : किसानों को बाढ़ आपदा के दौरान राहत देने के लिये फसल बीमा करने वाले एक फर्जी संगठन के सक्रिय हो कर राशि उगाही करने का मामला सामने आया है. आपदा प्रबंधन बैंगलोर नाम की यह संस्था प्रखंड के सभी पंचायत में वार्ड वार अपना जाल फैला कर काम कर रही है. इस फर्जीवाड़े का सच तब सामने आया जब सदर प्रखंड के सकरपुरा बेतौना पंचायत की मुखिया किरण देवी ने इस संबंध में बीडीओ दिवाकर कुमार से दिशा निर्देश मांगा. संस्था की ओर से दिये गये कागजात को देखते ही बीडीओ असमंजस में पड़ गये. लेकिन थोड़ी ही तसदीक में इस मालमे के फर्जी होने का सच सामने आ गया.
कामयाब हुई तो एक प्रखंड से 75 लाख का चूना : इस फर्जीवाड़े को इस तरह डिजाइन किया गया है कि खुद मुखिया और वार्ड सदस्य जनता का दिल जीतने के लिये जी तोड़ कोशिश करेंगे. प्रत्येक वार्ड से 255 लाभार्थी के हिसाब से अगर प्रति पंचायत दस वार्ड का आकड़ा लिया जाये तो इस संस्था को एक पंचायत से साढ़े तीन लाख रूपये की आमदनी होगी. सदर प्रखंड में 17 पंचायत है. इस हिसाब से एक ही प्रखंड से यह फजी संस्था 75 लाख रूपये की उगाही करने में सफल होता. हालांकि अभी यह पता नहीं लगाया जा सका है कि यह फर्जी संस्था कितने पंचायत में अपना जाल बिछाने में कामयाब हो पायी है.
इस मामले में मधेपुरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी दिवाकर कुमार ने कहा कि यह मामला पूरी तरह फर्जी है. इसकी जांच जिला स्तर एवं उच्च स्तर से करायी जायेगी. वहीं सभी पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव को इस तरह कोई फार्म नहीं भरने एवं किसी को भी नहीं भरने देने का निर्देश दिया गया है. इस मामले में जल्द ही प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
मुखिया व वार्ड सदस्य को किया पत्र जारी : इस फर्जी संस्था द्वारा जारी आम सूचना के जरिये कहा गया है कि पंचायत के मुखिया एवं संबंधित वार्ड के सदस्य द्वारा संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित परिवार का नाम चिन्हित कर एवं सत्यापित कर विहित प्रपत्र में दिनांक 25 सितंबर 2016 तक आपदा प्रबंधन बैंगलोर के कार्यालय में भेजेंगे. मुखिया एवं वार्ड सदस्य का यह दायित्व होगा कि प्रत्येक परिवार के एक ही व्यक्ति को राष्ट्रीय जन सुरक्षा योजना का लाभ मिल सके. पत्र में यह नोट में लिख है कि प्रत्येक वार्ड में अधिकतम 255 परिवारों को ही इस योजना का लाभ दिया जायेगा.

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