मधेपुरा : दुर्गा पूजा को लेकर बाजार में जहां चहलकदमी तो तेज हो गयी है. लेकिन कृषि आधारित बाजार पर संकट के बादल मंडराने से दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी झलक रही है. यहां के लोगों की मुख्य आजिवीका खेती पर निर्भर रहती है. मक्का व मूंग की फसलें बर्बाद होने के कारण किसानों की कमर टूट गयी है. हालांकि इस वर्ष जिले में धान की रिकार्ड फसल होने की उम्मीद थी. लेकिन बारिश के पानी खेतों में जमे रहने से धान की भी फसल बर्बाद हो गयी है. ईटवा जिवछपुर के किसान विजय यादव , संतोष यादव ने बताया कि धान की फसल पिछले दो फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी.
लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया. दशहरा में अगैती फसल कटने लगता है. लेकिन खेत में पानी लगा हुआ है. और धान का सीस पानी पर बिछा हुआ था. अगर पानी की निकासी नहीं हुई तो वह बर्बाद हो जायेगा. उन्होंने कहा कि पूजा इस वर्ष फीका रहेगा. वहीं स्थानीय व्यवसायी पंकज कुमार, संतोष मोदी, डब्लू कुमार झा ने कहा कि यहां की बाजार कृषि आधारित है. दुर्गा पूजा के मौके पर नौकरी पेशा लोग खरीदारी तो कर रहे है. लेकिन किसानों में पूजा को लेकर कोई खास उत्साह नहीं है. उन्होंने कहा कि बाजार की नजर किसानों की जेब पर टिकी है. जब तक किसानों के जेब नहीं भरेंगे बाजार का हाल ढीला ढाला ही रहेगा.