नहर मरम्मत के नाम पर होते रहते हैं वारे-न्यारे

रेलवे ढाले के समीप उत्तर नहर के पूर्वी भाग का तटबंध टूट गया था सिंचाई विभाग के मुलाजिम व ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रुपये हुए गोलमाल मुरलीगंज : पिछले अक्तूबर माह में पानी अत्याधिक हो जाने के कारण कमजोर बिंदु पर स्थिति काफी जर्जर होने की वजह से रेलवे ढाला के समीप उत्तर नहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 3:48 AM

रेलवे ढाले के समीप उत्तर नहर के पूर्वी भाग का तटबंध टूट गया था

सिंचाई विभाग के मुलाजिम व ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रुपये हुए गोलमाल
मुरलीगंज : पिछले अक्तूबर माह में पानी अत्याधिक हो जाने के कारण कमजोर बिंदु पर स्थिति काफी जर्जर होने की वजह से रेलवे ढाला के समीप उत्तर नहर के पूर्वी भाग का तटबंध टूट गया था और पकीलपार के किसानों की खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई थी. किसानों के आवेदन पर नहर के बांध बनवाने का कार्य किया गया था. लेकिन बांध निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर सिंचाई विभाग के मुलाजिम और ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रुपये का वारे-न्यारे किये गये. जिसके कारण नहर की सही रूप से मरम्मत नहीं हो सकी थी और पानी का रिसाव होता रहा. कुछ दिन बाद बची धान की फसल जब पुरी तरह कटनी के लिए तैयार थी तो बची खुची कसर फिर टूट कर पुरी हो गई. किसानों के खेतों में लगे सैकड़ों एकड़ के धान बर्बाद हो गयी.
हालांकि किसानों की धान के क्षति का मुआवजा संभवत स्वीकृति भी हो गया है. लेकिन सिंचाई विभाग मुरलीगंज के मुलाजिमों की लापरवाही के कारण किसानों की रबी की फसल प्रभावित हो गई. कोसी सिंचाई विभाग मुरलीगंज के पदाधिकारियों की लापरवाही का मामला कई बार प्रभात खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ. लेकिन इनकी मनमानी नहीं रूकी और ना ही इन पर कोई विभागीय कार्रवाई हुई. नहर के बांध में किये गये लाखों की वारे – न्यारे पर प्रभात खबर अखबार ने किसानों की समस्या को लेकर खबर को प्रकाशित किया था. बीते बुधवार को पुनः नहर के बांध बनाने का कार्य शुरू किया गया था और जहां जेसीबी मशीन से मिट्टी काटवाया जा रहा था. जिस जगह मिट्टी कटाई की जा रही थी वह भू-भाग रेलवे के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता था.
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