मिट्टी खनन से खतरे में नहर का अस्तित्व
खनन माफिया ने नहर के किनारों को कई जगहों से किया क्षतिग्रस्त क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल होती है बरबाद शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के बीचों-बिच से गुजरने वाले एमबीसी नहर में माफिया द्वारा इन दिनों मिट्टी की अवैध खुदाई की जा रही है. इससे कई जगह नहर का किनारा […]
खनन माफिया ने नहर के किनारों को कई जगहों से किया क्षतिग्रस्त
क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल होती है बरबाद
शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के बीचों-बिच से गुजरने वाले एमबीसी नहर में माफिया द्वारा इन दिनों मिट्टी की अवैध खुदाई की जा रही है. इससे कई जगह नहर का किनारा क्षतिग्रस्त हो गया है.
गौरतलब है कि नहर से मिट्टी काटना यह कोई नयी बात नहीं है. सभी मौसम में नहर में पानी बंद होते ही मिट्टी की कटाइ शुरू हो जाता है. प्रखंड क्षेत्र से आधा दर्जन छोटी बड़ी नहरे गुजरती है. जिसमें से खास कर छोटी नहरों की कई वर्षों के खुदाई एवं मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण खस्ता हाल बना हुआ है. जबकि अब किसानों की रबी फसल गेहूं, मक्का, दलहनी एवं तेलहनी फसल की बुआई किसानों के सिर पर है. लेकिन सिंचाई विभाग के सुस्त रवैये के कारन बरसात के मौसम में ध्वस्त नहर के किनारे का अब तक मरम्मत नहीं करवाया गया है. जबकि कुछ ही दिनों के बाद नहर में पानी छोड़ा जाना है. जिससे किसानों में अभी से ही अपने फसल को लेकर चिंता सताने लगा है.
प्रखंड क्षेत्र में हर साल फसल होती है बरबाद
शंकरपुर प्रखंड क्षेत्र भौगोलिक दृष्टिकोण से चोरों और से नदी और नहर से घिरा हुआ है. जिस कारण हर वर्ष कही न कही नहर में पानी का संचालन होने पर टूट जाता है. जिस कारण किसानों के कड़ी मेहनत से लगाये गये फसल नहर के पानी से जल मग्न होकर बर्बाद हो जाता है और जिला प्रशासन फसल क्षतिपूर्ति के नाम पर जांच तो करवाता है. लेकिन वह भी फाइल में ही दबकर रह जाता है. जिसको लेकर किसान बिरेंद्र यादव, बासुदेव यादव, गजेंद्र यादव, रमेश साह सहित कई किसानों ने अपनी दुःख भरी दास्तान सुनाते हुए कहा कि पिछले वर्ष बेहरारी गांव के समीप गेहूं के बाली निकलने के समय ही नहर में पानी के दबाव ज्यादा होने के कारण अचानक टूट गया था. जिसमें बेहरारी गांव के दर्जनों किसान का लगभग पचास एकड़ फसल डूब कर बर्बाद हो गया था. जिसमे शंकरपुर अंचलाधिकारी के द्वारा फसल क्षति की जांच हल्का कर्मचारी के द्वारा करवाया गया था. लेकिन वह जांच जांच ही बनकर रह गया और आज तक किसान को फसल क्षति मुआवजा नहीं मिल सका है.
त्रिवेणीगंज से कबियाही की ओर आनेवाले नहर की स्थिति भी बदतर
त्रिवेणीगंज से कबियाही की और आने वाली नहर की स्थिति इतनी दयनिय है. किसानों में अपने फसल के प्रति चिंता बढ़ गया है. कई जगह पर तो स्थानीय लोगों के द्वारा अपने स्तर से नहर का मरम्मत भी करवाया गया है. लेकिन प्रखंड क्षेत्र से गुजने वाली एमबीसी नहर दर्जनों जगह क्षति ग्रस्त है और अब किसानों के खेत में फसल की बुआई लगभग हो गया है. अब नहर में पानी भी अब छोड़ने ही वाले है. ऐसे में नहर की किनारा क्षति रहने के कारन टूटने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसा ही नजारा दो दिनों से रामपुर लाही पंचायत के दो नंबर वार्ड के समीप ट्रैक्टर लगाकर कुछ लोगों के द्वारा मिट्टी कटाइ करवाया जा रहा है. जिसकी सूचना किसी ने सिंचाई विभाग के पदाधिकारी को दिया गया. जिसपर सिंचाई प्रमंडल त्रिवेणीगंज के कुछ पदाधिकारियों ने सोमवार को उक्त जगह का जांच पड़ताल कर शंकरपुर थाना को लिखित आवेदन दिया गया है.
एमबीसी नहर जीतपुर के समीप कुछ लोगों के द्वारा नहर का किनारा का मिट्टी काट कर क्षति ग्रस्त किया गया है. इस आलोक में कार्रवाई के लिए लिखित आवेदन शंकरपुर थाना को दिया गया है.
सुमन कुमार, एसडीओ सिंचाई, प्रमंडल त्रिवेणीगंज.