मधेपुरा : सोमवार सुबह निकली धूप अचानक बादलों के आगोश में चले गया और ठंड ने पूरे जिले को अपने चपेट में ले लिया. हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों को दिन भर निजात नहीं मिला. इस दौरान कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. बहती पछिया हवा के कारण मौसम का पारा सोमवार को गिर कर 11 डिग्री पर पहुंच गया था.
वहीं सुबह के बाद शाम तक सूर्यदेव का दर्शन जिले वासियों को नहीं हुआ. जिले की मुख्य सड़क सहित प्रखंडों में भी सड़कें सुनी हो गयी. लोग घरों में दुबकने पर मजबूर थे. कुहासे के साथ बह रही पछिया हवा के कारण मौसम का पारा अचानक से नीचे गिर गया. कपकपी वाली ठंड से आम लोगों को फिलहाल राहम मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगले दो दिनों तक यही हालात बने रहेंगे.
सूर्य की लाली तो लोगों को दिखी नहीं लेकिन बादलों ने सूर्य को अपने आगोश में ले लिया. ठंड में सुबह- सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. खासकर आगंनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले नैनिहालों को ठंड सता रही है. गौरतलब है कि नववर्ष पर ठंड ने आगमन के साथ लोगों को थोरी राहत दी थी. लेकिन सोमवार की सुबह ठंड ने विकराल रूप धारण कर लिया. तेज पछिया हवा शरीर को चूभने लगी थी. इस दौरान इलाके का न्यूनतम तापमान जहां 11 डिग्री रहा, वहीं अधिकतम तापमान 26 डिग्री था.
ठंड ने बढ़ायी परेशानी : आम जनजीवन पर बढते ढंड का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है. खास कर गरीब तबके के लोग ठंड के कारण परेशान है. ठंड बढने से बच्चे व बुजुर्गों के साथ-साथ आम लोगों की सेहत पर संकट के बादल मंडरा रहे है.
सड़कें हुई सुनीं : मंगलवार को अचानक से ठंड बढने के कारण जिला मुख्यालय सहित आसपास की सड़कें सुनी हो गयी. ठंड में लोग घरों में दुबकने में ही भलाई समझी. अतिआवश्यक काम से ही लोग सड़क पर निकले. तेज पछिया हवा के कारण ठंड में चुभन भी थी. लोगों ने ठंड से बचने के लिए दिन भर अलाव का सहारा लिया.
बुजुर्गों की सेहत पर खासा प्रभाव : इस कड़ाके की ठंड में बड़े – बुजुर्गों एवं छोटे छोटे बच्चे को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सकों ने बढ़ते ठंड को देखते हुए बच्चों एवं बुढ़े लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. अचानक ठंड बढ़ने के कारण बुजुर्गां की सेहत संकट में दिख रही है.
पछिया हवा के कारण पारा गिर कर 11 डिग्री पर पहुंचा
दुकानों में ऊनी कपड़ों की खरीदारी करतीं महिलाएं .
ठंड बना बच्चों का दुश्मन : हांड़ कंपा देने वाली ठंड में बच्चों के बीमार होने की आशंका से अधिकांश अभिभावक सशंकित होने लगे हैं. ठंड के कारण सड़क पर पैदल जाने वाले स्कूली बच्चे खास कर ज्यादा प्रभावित हो रहे है. डॉक्टरों का मानना है कि कड़ाके की ठंड बच्चों की दुश्मन होती है. ठंड में विशेष सावधनी बरतने की जरूरत है. कर्म कपड़े से पूरे शरीर को ढक कर बाहर निकलना चाहिए. छोटे बच्चे कोल्ड डायरिया से आसानी से प्रभावित होता है.