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शानदार शिल्प का उदाहरण बनेगा मंदिर

देश के नामचीन वास्तुकार डिजाइन बना प्रसिद्ध सिंहेश्वरनाथ मंदिर को और बेहतर बनायेंगे. जल्द ही योजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. मधेपुरा : जिले की धार्मिक नगरी व बिहार के प्रसिद्ध सिंहेश्वरनाथ मंदिर का अब कायाकल्प होगा. देश के नामचीन वास्तुकार इसकी डिजाइन बनायेंगे व मंदिर का शिल्प दर्शनीय होगा. […]

देश के नामचीन वास्तुकार डिजाइन बना प्रसिद्ध सिंहेश्वरनाथ मंदिर को और बेहतर बनायेंगे. जल्द ही योजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
मधेपुरा : जिले की धार्मिक नगरी व बिहार के प्रसिद्ध सिंहेश्वरनाथ मंदिर का अब कायाकल्प होगा. देश के नामचीन वास्तुकार इसकी डिजाइन बनायेंगे व मंदिर का शिल्प दर्शनीय होगा. जल्द ही इस दिशा में जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद योजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
शुक्रवार को समाहरणालय के सभा कक्ष में सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सचिव सह डीडीसी मिथिलेश कुमार ने इस बिंदु पर सहमति देते हुए अग्रतर प्रक्रिया के लिये जल्दी ही निर्देश जारी रखने की बात कही. शिवरात्रि मेला और सिंहेश्वर महोत्सव की बैठक के दौरान डीएम मो सोहैल ने यह प्रस्ताव दिया कि सिंहेश्वर मंदिर के गर्भगृह को इस तरह बनाया जाना चाहिए कि इस ऐतिहासिक मंदिर की गरिमा में और वृद्धि हो. ऐसा होने से इस स्थल के पर्यटकीय महत्व में और इजाफा होगा. देश में इसकी अलग पहचान होगी. इस विषय में कई अन्य बिंदुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की गयी.
गौरतलब है कि सिंहेश्वर को पर्यटकीय स्थल के तौर पर विकसित करने के लिये मो सोहैल ने पर्यटन विभाग से पत्राचार करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिंहेश्वरनाथ का मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है.
इस स्थल के व्यवस्थित विकास के लिये मास्टर प्लान बनाना चाहिये. इसमें सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की भूमिका काफी अहम है. उन्होंने इशारा किया कि न्यास समिति के सदस्य गंभीरता से अपना उत्तरदायित्व नहीं निभा रहे हैं. सिंहेश्वर बाबा के पास इतनी अकूत संपत्ति है कि सिंहेश्वर को इस तरह विकसित किया जा सकता है कि देश में गर्व के साथ इस स्थान का नाम लिया जायेगा. लेकिन लोग अपने निजी स्वार्थ में लीन हैं और मंदिर के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
हालांकि बैठक में न्यास समिति के सचिव ने आश्वस्त किया कि जल्दी ही मंदिर के विकास को लेकर पुख्ता योजना बनायी जायेगी. इसमें मंदिर और परिसर सौंदर्यीकरण से लेकर अन्य जरूरी बिंदुओं को शामिल किया जायेगा.
फूल विक्रेता को मिलेगा स्टॉल : मंदिर परिसर में फूल विक्रेताओं को कम से कम शुल्क पर विशेष स्टॉल मुहैया कराया जायेगा. डीडीसी ने कहा कि मंदिर परिसर में फूल की बेतरतीब तरीके से दुकानें लगी हैं. ये मंदिर की सुंदरता को कम करते हैं. इसलिये विशेष स्टॉल बनवाया जा रहा है. इससे एक तरीके की दुकानें रहेंगी और यह आकर्षक भी लगेगा.
सावन के दौरान भी लगेगा मेला
बैठक में डीएम ने कहा कि सिंहेश्वर में सावन के दौरान भी मेला का आयोजन किया जाना चाहिए. मेला लगने से यहां के व्यवसाय और भी फलेंगे-फूलेंगे. साथ ही यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मेला में मनोरंजन भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि न्यास समिति ही अपनी ओर से इस मेला का आयोजन करा सकती है. हालांकि डीएम ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि चूंकि शिवरात्रि मेले के दौरान लोग मेले का आनंद उठाते हैं, अगर सावन के दौरान महोत्सव का आयोजन किया जाये तो लोग इसका भरपूर आनंद उठायेंगे. हालांकि उन्होंने यह संशोधन सर्वसम्मति से ही करने की बात कही.

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