रोशन सिंह की हत्या का आरोपित गिरफ्तार

किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में था मो शमीम गुप्त सूचना के आधार पर की गयी कार्रवाई सिमरी : सलखुआ थाना पुलिस ने बुधवार की रात्रि गुप्त सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव से माठा गांव निवासी एक कुख्यात अपराधी मो शमीम को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता प्राप्त की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2017 6:29 AM

किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में था मो शमीम

गुप्त सूचना के आधार पर की गयी कार्रवाई
सिमरी : सलखुआ थाना पुलिस ने बुधवार की रात्रि गुप्त सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव से माठा गांव निवासी एक कुख्यात अपराधी मो शमीम को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता प्राप्त की है. उक्त अपराधकर्मी पर ऐनी गांव निवासी दर्जनों कांडों को अंजाम देने वाला रौशन सिह की हत्या कुख्यात अपराधी नील सागर यादव के साथ करने का आरोप है. इस संबंध में सलखुआ थाना कांड संख्या 125/15 दर्ज हैं. इस गिरफ्तारी के संबंध में सलखुआ थाना के थानाध्यक्ष तरूण कुमार तरूणेश ने बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि कई कांडों को अंजाम देने वाला कुख्यात अपराधी मो शमीम किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए थाना क्षेत्र में देखा गया है. पुलिस ने अपना जाल बिछा बुधवार की रात्रि मोबारकपुर गांव से सड़क के किनारे मोबाइल पर किसी से बातचीत करते हिरासत में ले लिया.
कबूली हत्या की बात : थानाध्यक्ष ने बताया कि पूछताछ के बाद मो शमीम ने कुख्यात अपराधी रौशन सिह की हत्या नील सागर के साथ करने की बात कबूल की है. अपने कबूलनामा में मो शमीम ने कहा है कि जून 2015 के एक दिन माठा गांव के समीप मुझे नील सागर व रौशन सिह मिला, उक्त दोनों ने मुझें मोबारकपुर गांव स्थित एक कच्ची सड़क पर साथ ले गये, जहां रौशन सिह व नील सागर के बीच रुपया बंटवारा को लेकर आपस में बातचीत के क्रम में झगड़ा होने लगा और इसी बीच दोनों अपना-अपना हथियार निकाल एक दूसरे पर तान दिया. इसी बीच नील सागर ने गोली चला दी जो रौशन सिह को लगी और वह वहीं उसकी मौत हो गयी. हम दोनों ने मिल कर पहले से बनें एक गड्ढे में रौशन सिह के शव को दफना कर फरार हो गये. थानाध्यक्ष तरूणेश ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी मो शमीम को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय भेज दिया गया. मालूम हो कि वर्ष 2015 के जून में कुख्यात रौशन सिह की हत्या सलखुआ थाना क्षेत्र के मोबारकपुर गांव स्थित बहियार में कर उसके शव को चौर के किनारे बने एक गड्ढे में गाड़ दिया गया था.

Next Article

Exit mobile version