मधेपुरा : छोटे गैस सिलिंडर की अवैध बिक्री और रिफिलिंग शहर के हर मोहल्ले में धड़ल्ले से हो रही है. कभी-कभी छापेमारी होती है, कुछ लोग पकड़े भी जाते हैं, सामान जब्त होता है, लेकिन यह धंधा बदस्तूर जारी रहता है. खासकर इंटर एवं मैट्रिक के परीक्षा में यह धंधा परवान लेता है. बाहर से आये परीक्षार्थी से लेकर हर कोई बाजार में छोटा सिलिंडर लिये घूमते दिखते हैं. इसके अलावा भी विभिन्न लॉज में रहने वाले छात्र धड़लै से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. विगत दिनों इस धंधे पर लगाम लगाने के लिए बार बार छापेमारी और कई दुकानदारों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी हाल जस-का-तस ही है.
गैस कंपनियों ने शहर में छोटे सिलिंडर की बिक्री की सुविधा दी है, जिसकी खरीदारी करने पर सुरक्षा की गारंटी मिल सकती है, लेकिन इसके बाद भी लोग सस्ते के चक्कर में लोकल मेड सिलिंडर ही खरीदते हैं. कारखाने कब होंगे बंद छोटे सिलिंडर की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है. इसके बावजूद ऐसे सिलिंडर गैस दुकानों में आराम से दिख जाते हैं. प्रशासन की नजर इनकी अवैध बिक्री और रीफिलिंग पर रहती है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे ये सिलिंडर मार्केट में दिख जाते हैं?
जाहिर-सी बात है इसका अवैध व्यपार शहर में किया जा रहा है. सूर्या, मौर्या, सनलाइट आदि ब्रांडों के नाम से बिकनेवाले सिलिंडर बिहार में ही गुपचुप बनाये जाते हैं. अब देखना यह है कि प्रशासन इन पर कब तक लगाम कसता है? जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजेश रोशन कहते हैं कि छोटे सिलिंडर की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है. हम लगातार इस अवैध धंधे पर रोक लगाने की कोशिश करते रहते हैं.आम लोगों से अपील है कि वे जागरूक हों और अवैध सिलिंडर की खरीदारी न करें. सदर एसडीओ संजय कुमार निराला ने कहा ऐसे अवैध धंधे को बरदाश्त नहीं किया जाएगा लोग हमें पक्की सूचना दें, उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा. सूचना के बाद प्रशासन तुरंत कार्रवाई करेगा.