अब नगर परिषद क्षेत्र होगा चकाचक

खुशखबरी . नप में पहुंची लाखों की स्वीपिंग मशीन बुडको के पास पड़ी थी राशि, सीएम की समीक्षा बैठक में मुख्य पार्षद ने उठाया था मुद्दा, हुआ था बुडको से शोकॉज 17 दिसंबर को जारी हुआ पत्र भविष्य में न हो पुनरावृत्ति इसलिए बुडको को मासिक तौर पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश मधेपुरा : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2017 1:40 AM

खुशखबरी . नप में पहुंची लाखों की स्वीपिंग मशीन

बुडको के पास पड़ी थी राशि, सीएम की समीक्षा बैठक में मुख्य पार्षद ने उठाया था मुद्दा, हुआ था बुडको से शोकॉज
17 दिसंबर को जारी हुआ पत्र भविष्य में न हो पुनरावृत्ति इसलिए बुडको को मासिक तौर पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश
मधेपुरा : शहर में सफाई व्यवस्था मजबूत करने के लिए अब नगर परिषद ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) से लैस स्वीपिंग व डस्टिंग मशीन इस्तेमाल करेगी. दरअसल, इस सुविधा के बाद पता रहेगा कि स्वीपिंग मशीन कौन से एरिया में सफाई कर रही हैं. इसके बाद स्मार्ट सिटी कांसैप्ट के तहत शहर को साफ – सुथरा रखने की मुहीम को एक कदम आगे बढ़ाया जायेगा. सभी मुख्य सड़कें कवर होंगी पहले चरण में स्वीपिंग शहर की मुख्य सड़कों में होगी.
इसमें सप्ताह में एक दो बार सड़क व फुटपाथ की पानी से सफाई भी शामिल होगी. इस बाबत मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलु ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय यात्रा के क्रम में 16 दिसंबर को जिले की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलू द्वारा बिहार शहरी आधारभुत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) को 40 लाख रुपये उपकरणों के क्रय के लिए तीन वर्ष पहले वर्ष 2013 में उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा गया कि अभी तक बुडको ने उपकरणों की आपूर्ति नगर परिषद को नहीं की है. सीएम द्वारा नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद से इस संबंध में जबाव तलब किया गया. मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रधान सचिव ने 17 दिसंबर को बुडको के प्रबंध निदेशक को पत्र जारी कर अविलंब नगर निकायो द्वारा उपकरणों, सामग्रियों के क्रय हेतु बुडको को भेजी गयी अधियाचना एवं उपलब्ध करायी गयी राशि का प्रतिवेदन मांगा है. इसी मामले में आखिरकार शनिवार को बुडको द्वारा स्वीपिंग मशीन नगर परिषद को भेजा गया है. शहर को साफ रखने के लिए नगर परिषद् प्रतिबद्ध है.
सफाई कर्मचारी की कमी से राहत . दरअसल, इन मशीनों के आने से सफाई कर्मचारियों का काम लगभग न के बराबर रह जायेगा. मधेपुरा नगर परिषद इससे पहले भी अस्थायी सफाई कर्मचारियों द्वारा डोर टू डोर कचरा संग्रह के दौरान आउटसोर्सिंग काविरोध झेल चुका है. इस मामले में बोर्ड ने स्थायी नियुक्ति का निर्णय लिया. लेकिन इसे विभाग के स्तर से हरी झंडी नहीं मिल सकी है.

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