कोमा में पड़ा है घायल लक्ष्मण

दुर्घटना. विधायक की गाड़ी से हादसे का शिकार होकर सिलीगुड़ी में इलाजरत बिहारीगंज विधायक की गाड़ी से कुचल कर बुरी तरह घायल लक्षमण सिलीगुड़ी में कोमा में पड़ा है. उसके परिजन विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन लेकर भटक रहे हैं. बटाई पर खेती करने वाले किसान लक्ष्मण के इलाज पर प्रतिदिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 2:52 AM

दुर्घटना. विधायक की गाड़ी से हादसे का शिकार होकर सिलीगुड़ी में इलाजरत

बिहारीगंज विधायक की गाड़ी से कुचल कर बुरी तरह घायल लक्षमण सिलीगुड़ी में कोमा में पड़ा है. उसके परिजन विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन लेकर भटक रहे हैं. बटाई पर खेती करने वाले किसान लक्ष्मण के इलाज पर प्रतिदिन हजारों रुपये लग रहे हैं. हादसे के बाद विधायक ने उसकी सुध नहीं ली है.
मधेपुरा : अजब संयोग है कि इन दिनों बिहार में चंपारण सत्याग्रह के एक सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी जी को याद किया जा रहा है. निलहे किसान की व्यथा की कथा आम आदमी की जुबान पर है. वहीं दूसरी ओर मधेपुरा जिला के मुरलीगंज प्रखंड के रजनी गांव के एक बटाईदार किसान लक्ष्मण साह जनता के प्रतिनिधि बिहारीगंज विधायक की गाड़ी से कुचल कर बुरी तरह घायल होकर सिलीगुड़ी शहर के एक अस्पताल में कोमा में है. वह अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है.
बेशर्मी की हद यह है कि नौ अप्रैल की इस घटना के बाद विधायक ने पीएचसी पहुंचाने के बाद लक्ष्मण की सुधि लेना तक मुनासिब नहीं समझा. आलम यह है कि एक दुधमुंही बच्ची को छोड़ कर शेष चार बेटी और एक बेटे के साथ लक्ष्मण की पत्नी अपने पति के साथ हुई घटना में इंसाफ मांगने के लिए दर ब दर भटक रही है.
मंगलवार को लक्ष्मण की बेटी किरण ने जिला मुख्यालय पहुंच कर एसपी कार्यालय में गुहार लगायी. उसके आवेदन पर सैकड़ों ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी हैं. वहीं मामला सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा होने के कारण स्थानीय प्रशासन मौन बना हुआ है.
पीएचसी पहुंचा कर भागे विधायक
मुरलीगंज प्रखंड के रजनी पंचायत वार्ड संख्या पांच पोखर टोला निवासी 45 वर्षीय लक्ष्मण साह महज बीघे भर में खेती करते हैं, लेकिन इतने से ही गुजारा नहीं होता. अपनी लकवाग्रस्त बूढ़ी मां, पांच बेटियां एवं दो बेटे से भरे पूरे परिवार की भरण पोषण के लिए वह बटाई पर भी खेती करते हैं. नौ अप्रैल रविवार को लक्ष्मण साइकिल पर गेहूं लाद कर पिसाने के लिये बभनगामा बाजार स्थित आटा चक्की की तरफ जा रहे थे. पीछे से बिहारीगंज विधानसभा के विधायक निरंजन मेहता अपने काफिले के साथ आ रहे थे.
अचानक विधायक जी की गाड़ी साइकिल सवार लक्ष्मण को ठोकर मारते हुए गुजर गयी. उनके काफिले में पुलिस की गाड़ी भी थी. लक्ष्मण को उठा कर जीप में डाल कर बिहारीगंज पीएचसी पहुंचाया गया. इतना ही कर विधायक ने अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली.
गरीब परिवार हाथ फैलाने पर विवश
बिहारीगंज अस्पताल में डाक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया. लक्ष्मण को लेकर परिजन और ग्रामीण नौ अप्रैल को ही पूर्णिया सदर अस्पताल पहुंचे. यहां भी डाक्टरों ने उनकी स्थिति काफी गंभीर बतायी और हाथ खड़े कर दिये. परिजनों ने लक्ष्मण को पूर्णिया के ही निजी नर्सिंग होम अलशफ अस्पताल में भरती कराया. यहां सीटी स्कैन में हालत नाजुक होने की रिपोर्ट दी गयी. परिजन लक्ष्मण को ले कर सिलीगुड़ी पहुंचे. यहां पारामाउंट अस्पताल में उन्हें भरती कराया गया. लक्ष्मण दुर्घटना के दिन से ही कोमा में हैं.
डाक्टरों का कहना है लक्ष्मण के इलाज में प्रतिदिन हजारों रुपये चाहिये. लक्ष्मण के परिजन खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. जिस परिवार के पास मुश्किल से सिर छुपाने की जगह हो, उसके पास रोज हजारों रुपये कहां से आयेंगे. लक्ष्मण की बड़ी बेटी 20 साल की किरण ने इस बार इंटर की परीक्षा दी है. दूसरी बेटी संगीता इंटर की छात्रा है.
इसके बाद रविशंकर दसवीं में पढ़ता है. दीपा आठवीं में, सुनीता सातवीं में, सोनू तीसरी में और सबसे छोटी बेटी सोनी दो साल की है. घर में एक बूढ़ी लकवाग्रस्त मां भी है. लक्ष्मण की पत्नी मीना देवी अपने पति की जान बचाने के लिए परिजन और ग्रामीण के सामने हाथ फैलाने पर विवश है.

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