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बाबा नगरी में उमड़ा आस्था का जन सैलाब, चार लाख श्रद्धालुओं ने किया बाबा का जलाभिषेक

चार लाख श्रद्धालुओं ने किया बाबा का जलाभिषेक

सिंहेश्वर, बाबा भोलेनाथ की नगरी में चौथी सोमवारी को आस्था का जन सैलाब उमड़ गया. देर रात से पूरे दिन तक लगभग चार लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया. पूरे दिन श्रद्धालुओं का रैला ही चलता रहा. बाबा के गर्भ गृह का पट लगभग एक बजे खुला जिसके बाद सरकारी पूजा -अर्चना के लिए एडीएम अरुण कुमार, एसडीएम सह सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सचिव संतोष कुमार, एएसपी प्रवेंद्र भारती, एसडीसी सह प्रबंधक संतोष कुमार, बीडीओ आशुतोष कुमार, सीओ नवीन कुमार सिंह, सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सदस्य संजीव ठाकुर, पूर्व सदस्य कन्हैया ठाकुर, सरोज सिंह, लाल बाबा, शंकर ठाकुर सहित अन्य के मौजूदगी में खोला गया. जिसके बाद बाबा के दर्शन के लिए आतुर श्रद्धालुओं को एक बजकर 40 मिनट के बाद अरघा सिस्टम से पूजा- अर्चना और दर्शन करवाना शुरू किया गया. सुबह छह बजे तक श्रद्धालुओं का हुजूम लगातार पूजा- अर्चना में लीन रहा. इसके बाद महिलाओं की संख्या थोड़ी कम हुई लेकिन दुबारा फिर से भिड़ बढ़ गई. इस बीच पूरा मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में बाबा के जयकारे से गूंजता रहा. श्रद्धालुओं का हुजूम लगभग 12 बजे रात से ही कतार में लगने लगा. एक समय में कतार बाईपास मुख्य प्रवेश गेट तक पहुंच गया. कतार को मोड़- मोड़ कर बेरिकेटिंग में पहुंचाया गया. पुरुष श्रद्धालु की संख्या ज्यादा देखते ही एसडीएम, एएसपी ने महिला कतार में भी पुरुष को प्रवेश कराया जिससे श्रद्धालुओं की भीड़ को तत्काल संभाला जा सका. एक समय ऐसा आया कि महिला श्रद्धालु की संख्या में काफी भीड़ हो गई. तब पुरुष श्रद्धालु के कतार से भी महिला को निकाला जाने लगा. बावजूद इसके महिला श्रद्धालु की संख्या में कमी नही आई. भीड़ को देखते हुए दिन भर विभिन्न पदाधिकारी मंदिर परिसर में ही डटे रहे. – पुलिस कर्मी का श्रद्धालु के पिटाई का वीडियो हुआ वायरल – वैसे तो जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा, पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह, एसडीओ संतोष कुमार सहित विभिन्न पदाधिकारी के द्वारा विशेष सुविधा मुहैया कराई गई है. ऐसे में सभी की जवाबदेही भी बहुत बढ़ जाती है. खासकर पुलिस प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है. लेकिन इसी सतर्कता में पुलिस विभाग के एकाध कर्मी पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने में पूरे तन मन से कार्य कर रही है. मामला शिवगंगा पोखर के गेट की है. जहां एक पुलिस कर्मी कुंदन कुमार श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने के नाम पर लगातार बेरहमी से पिटाई कर रहे थे. जिसका वीडियो किसी श्रद्धालु ने बना लिया. जो अब विभिन्न सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. – जिला पदाधिकारी ने श्रद्धालुओं की सुविधा का लिया जायजा- देवाधिदेव महादेव के नगरी में लगे राजकीय श्रावणी मेला के चौथी सोमवारी को जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा और पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह बाबा मंदिर पहुंचकर श्रद्धालुओं के लिए की व्यवस्था का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया. इस दौरान एसडीओ संतोष कुमार, एएसपी प्रवेंद्र भारती, ट्रेफिक डीएसपी चेतनानंद झा, न्यास सदस्य संजीव ठाकुर सहित अन्य मौजूद रहे. डीएम ने श्रद्धालुओं के बारे में अलग- अलग तरह से जानकारी लिया. मंदिर के अंदर प्रवेश कर श्रद्धालु से भी बातें की. – लगातार डटे रहे अधिकारी – सावन के चौथी सोमवारी को आशा के विपरीत श्रद्धालुओं की भीड़ हुई. जिसको लेकर प्रशानिक पदाधिकारी सहित स्थानीय संस्था के युवकों ने कदम से कदम मिला कर श्रद्धालु के सेवा में लगे रहे. इस बीच एसडीएम सह सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सचिव संतोष कुमार, एएसपी प्रवेंद्र भारती सहित विभिन्न पदाधिकारी लगातार श्रद्धालुओं की सेवा के साथ- साथ मंदिर परिसर में डटे रहे और आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे. देर रात बाबा के पट खुलने के वक्त से देर शाम तक मंदिर परिसर में ही मौजूद रहे. लिहाजा कोई भी अप्रिय घटना नही घटी. – श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन को सेवा करने में किया जा रहा है परेशान- बिहार के प्रसिद्ध सिहेंश्वर नाथ मंदिर में सावन की चौथी सोमवारी को श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन सम्मान और श्रद्धा के साथ शिविर में कावड़ियों की हर सेवा की जरूरत पूरा करने में तत्पर रहें. लेकिन यहां कार्य करने में ही व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है. हमेशा सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रही संस्था चाहे मानवता की बात हो या सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने की प्रयास फाउंडेशन परिवार हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता रहा है. खासकर के फाउंडेशन के द्वारा संचालित श्रावणी मेला सिंहेश्वर मंदिर प्रांगण मे जहां श्रद्धालुओं को अपनत्व का एहसास होता है. शिविर में श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क शर्बत के साथ गर्म पानी, ठंडा तेल, ग्लूकोज़ पानी, चाय, छेना, प्राथमिक उपचार के साथ साथ डाक बम के थकावट को दूर करने के लिए मालिस की विशेष व्यवस्था किया गया था. जहां शिविर में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनत्व का एहसास होता है. सेवा शिविर में उपस्थित सदस्यों के द्वारा रविवार के मध्य रात्रि से ही श्रद्धालुओं को कतार वद्ध करना हो या भीड़ कंट्रोल हो कदम से कदम मिलाकर उत्साह के साथ सहभागिता देते रहे. लेकिन जिलाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी मधेपुरा सहित पूलिस प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए कई अच्छी व्यवस्था की गई है. जिस व्यवस्था को व्यवस्थित करने में लगातार फाउंडेशन परिवार सहयोग कर रहे हैं. लेकिन मात्र कुछ पुलिस पदाधिकारी के द्वारा सारी व्यवस्थाओं पर पानी फेरा जा रहा है. लगातार श्रद्धालुओं के साथ- साथ सेवा में समर्पित फाउंडेशन परिवार के सदस्यों को भी अपमानित किया जा रहा है. जानकारी हो कि नाग गेट पर इमर्जेंसी में फाउंडेशन के सदस्यों को अनुमंडल पदाधिकारी के मौखिक आदेश पर पानी, चीनी, सहित अन्य सामग्री के लिए आना- जाना होता है. लेकिन कुछ पुलिस पदाधिकारी के द्वारा विभाग के कर्मियों द्वारा ताला खोलकर रास्ता दिया जाता है. लेकिन फाउंडेशन परिवार के सदस्यों को गेट पर जाने के साथ ही अपमानित किया जाता है. – शिवगंगा में डुबकी लगाकर कतारबद्ध होते थे श्रद्धालु- देवाधिदेव महादेव की पुजा अर्चना के लिये लोगों का हुजुम ऐसा उमड़ा कि श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल हो गया. मंदिर परिसर में शिवगंगा में डुबकी लगाने के बाद से ही श्रद्धालुओं की कतार लगाया जा रहा था. बताया गया कि गर्भ गृह का पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयी थी. श्रद्धालु घंटो लाइन में रहकर पुजा करने को मजबुर थे. क्योंकि भीड़ ज्यादा होने के कारण पुलिस बल व स्थानीय युवक काफी सजग थे. दर्जनों पुलिस बल सहित युवक श्रद्धालुओं को कतार में लगाने में जुटे थे. लेकिन रात से ही श्रद्धालु बेकाबु हो जा रहे थे. जिसे संभालने में पुलिस बल व स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस दौरान ही महिलाओं श्रद्धालुओं का हुजुम मंदिर पहुंचने लगा. लोगों ने बताया कि न्यास द्वारा बनाये गये बेरिकेटिंग के वजह से भीड़ को संभाला जा सका नही तो इतनी भीड़ को संभाल पाना काफी मुश्किल था. — श्रद्धालुओं के जेवरात व मोबाइल हुये गुम- देवाधिदेव की नगरी में पुजा- अर्चना करने के लिये काफी दुर- दुर से श्रद्धालुओं का जत्था दिन भर पहुंचता रहा. देर रात से ही श्रद्धालु पूजा में लीन रहे. इसी दौरान कई श्रद्धालुओं ने जेवरात व मोबाईल गुम होने की शिकायत की. किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की अनहोनी का शिकार न होना पड़े इसके लिये लगातार माइकिंग किया जाता रहा. माइकिंग में किसी भी प्रकार के आभुषण पहन कर गर्भ गृह में नही जाने की हिदायत दी जा रही थी. जबकि खोये हुये बच्चों के साथ स्नेह बनाते हुये पुलिस को सुचना देने की बात कही जा रही थी. बावजुद इसके कई श्रद्वालु इस बात को मानने से इंकार कर देते है. लिहाजा श्रद्धालुओं का सामान गुम हो जाता है. देखा गया कि गर्भ गृह के बाहर लॉकेट, ब्रासलेट आदि चीजें मिलती रही. श्रद्धालु अगर प्रशासन की बात को मानकर अपने सामान किसी सुरक्षित जगह पर रख देते तो ऐसा नुकशान नही उठाना पड़ता. वैसे भी मंदिर में भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि चोर उच्चकों को पहचान पाना मुश्किल है. चोर उच्चकें भी श्रद्धालु के भेष में होते है. हालांकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए लगातार कार्य किया जा रहा था. . — पुरे क्षेत्र में तैनात रहे अधिकारी– देवाधिदेव महादेव की नगरी व मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिये जिले के आलाधिकारी सहित कई पदाधिकारी लगातार निगरानी बनाये हुये थे. पुरे क्षेत्र में अलग- अलग जगहों पर तैनात पुलिस बल के साथ एक दण्डाधिकारी व एक पुलिस पदाधिकारी को तैनात किया गया था. वहीं मंदिर परिसर में भी दर्जनों अधिकारी सहित जिले के वरीय पदाधिकारी लगातार नजर बनाये हुये थे. मंदिर परिसर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिये सीसीटीवी कैमरे से निगरानी नियंत्रण न्यास के नियंत्रण कक्ष में लगे मॉनिटर से किया जा रहा था. मंदिर परिसर में पर्याप्त महिला व पुरूष पुलिस बल को तैनात किया गया था. जबकि अकेले गर्भ गृह के गेट पर आधे दर्जन से अधिक पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मेडिकल टीम कर रही है कैंप- देवाधिदेव महादेव की पुजा- अर्चना के लिये लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु के लिये मेडिकल टीम मंदिर परिसर में कैंप कर रही है. लाखों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु के साथ किसी प्रकार की घटना- दुर्धटना को भी झुठलाया भी नही जा सकता है. इसी वजह से एम्बुलेंस सहित मेडिकल टीम को मंदिर परिसर में तैनात किया गया है. जहां सैकड़ों घायल श्रद्धालुओं ने अपना इलाज करवाया. — डाक बम के लिये स्थानीय युवा रहे सक्रिय– बाबा सिंहेश्वर नाथ का जलाभिषेक करने के लिये विभिन्न घाटों से लगभग हजारों डाकबम अहले सुबह से ही पहुंचते रहे. डाकबम के लिये मंदिर न्यास समिति सहित स्थानीय श्रद्धालु नींबु पानी, ग्लुकोज पानी, ठंडा तेल सहित आवश्यक चीजों की व्यवस्था की गई थी. जबकि स्थानीय संगठनों ने भी ऐसी सारी व्यवस्था कर रखी थी. जिस वजह से डाकबमों को ज्यादा परेशानी नही उठाना पड़ा. खचाखच भरा रहा मंदिर परिसर- सावन की तीसरी सोमवारी होने के कारण मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा. स्थानीय श्रद्धालुओं ने भी इस सोमवारी में काफी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज की. वहीं न्यास के द्वारा बताया गया कि तीसरी सोमवारी में आशा के विपरित काफी भीड़ हुई है. जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि चौथी व अंतिम सोमवारी को श्रद्धालुओं की संख्या चार लाख के पार हो जायेगी. वहीं सावन की दुसरें सोमवारी के बाद तीसरें सोमवारी को भी पड़ोसी देश नेपाल सहित सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पुर्णिया, सिमराही आदि जगहों के श्रद्धालु काफी संख्या में पूजा के लिये सिंहेश्वर पहुंचे. स्थिति इतनी भयावह हो गयी थी कि बार- बार श्रद्धालुओं का रोकना पड़ रहा था. हजारों श्रद्धालुओं ने दिया दण्ड प्रणाम- वैसे तो बाबा मंदिर में दण्डप्रणाम देने वाले श्रद्धालु सालों भर पहुंचते रहते है. लेकिन सावन माह में दुसरें सोमवार के अपेक्षा तीसरी सोमवारी को हजारों महिला, पुरूष सहित बच्चों ने शिवगंगा में स्नान कर शिवगंगा से बाबा के गर्भ गृह तक दण्डप्रणाम करते हुये गये और बाबा को प्रणाम किया. और फिर पूजा- अर्चना की. जबकि परोसी देश नेपाल के श्रद्धालुओं के द्वारा भी दण्डप्रणाम दिया जा रहा था. बाबा के श्रृंगार में जुट रहा है भीड़- सावन माह में पूजा- अर्चना के लिये काफी दुर-दुर से श्रद्धालु पहुंचने का सिलसिला तो चलता रहता है. लेकिन सावन माह में बाबा के रात्रि श्रृंगार पूजा में भी हजारों श्रद्धालु जुटने लगे है. बताया गया कि बाबा धाम देवघर के जैसे ही बाबा सिंहेश्वर नाथ का श्रृंगार पूजा किया जाता है. जिस वजह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ श्रृंगार पूजा में होती है. स्थानीय सहित बाहरी श्रद्धालु देर रात तक श्रृंगार पूजा देखने दुर- दराज से पहुंचते है. फुलों की दुकान पर श्रद्धालुओं का तांता- मंदिर परिसर में फुल का व्यापार करने वालों को सावन की तीसरी सोमवारी को सांस लेने की भी फुरसत नही हुयी. क्योंकि इस सोमवारी को आशा के विपरित भीड़ हुयी. लगभग सभी फुल दुकानों पर लोगों का लाइन लगा रहा एक श्रद्धालु को फुल दिया भी नही जाता था कि दुसरा फुल देने की जिद कर देता था. ज्ञात हो कि पुरे साल में लगभग 20- 25 दिन ही ऐसे होते है जिस दिन फुल बेचने वालों के चेहरे पर मुश्कान होती है. खासकर सावन महीना आते ही दर्जनों फुल विक्रेता के चेहरे खिल जाती है कि उनका फुल का व्यवसाय अच्छा चलेगा. सावन माह में सिंहेश्वर बाबा मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है जिसे फुल विक्रेता विभिन्न प्रकार के फुल बेचकर अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करते है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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