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गोशाला समिति व नगर परिषद की लापरवाही, सड़कों पर विचरण करते पशु

गोशाला समिति व नगर परिषद की लापरवाही, सड़कों पर विचरण करते पशु

प्रतिनिधि, मधेपुरा

शहर में गोमाता की रक्षा के लिए आवाज उठाने वालों की कमी नहीं है, लेकिन इन गोमाता को देखने और रखरखाव की यहां कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. शहर में सब्जी दुकानों के आसपास ये गायें मंडराती रहती हैं. सड़ी-गली सब्जी पर ही ये गायें भोजन के लिए निर्भर हैं. दुखद है कि पॉलीथिन भी खाते रहने के कारण इन गायों की मौत बड़ी दर्दनाक होती है. वहीं कभी किसी दुकान पर मौजूद सब्जी में मुंह लगा देने पर सब्जी वाले और ग्राहक इन्हें भगाते रहते हैं. विडंबना है कि इस ओर न गो रक्षा के पैरोकार का ध्यान गया है न ही प्रशासन का, जबकि सरकार की ओर से राशि निर्गत की जाती है. पशुओं को गोशाला तक लाने के जिम्मेदारी जिला प्रशासन या गौशाला परिसर के कर्मी की है.

पांच दर्जन से अधिक पशु घूम रहे हैं सड़क पर

केवल शहर की सड़कों पर पांच दर्जन से अधिक पशु इधर उधर घूमते रहते हैं. रात में भी इन गायों का ठिकाना सड़क ही होता है. रात होते ही पूरे शहर में जगह-जगह पर एक साथ गोलबंद होकर इन गायों को बैठे अक्सर देखा जा सकता है.

दिन निकलते ही भोजन की तलाश इन्हें सब्जी बाजार की ओर खींच लाती है. वहीं कुछ गायें कूड़े-कचरे की ढेर में पॉलीथिन में रखी खाद्य सामग्री को पॉलीथिन सहित खा लेती हैं. सड़क पर जहां तहां बैठने के कारण सड़क पर लोगों को गुजरने में परेशानी होती है. कभी-कभी गाड़ी से गायों को धक्का भी लग जाता है. जिसमें ये घायल हो जाती हैं. सड़क पर रहने वाली ये गायें हर मौसम का मार झेलती हैं. सर्दी, गर्मी हो या बरसात, इन गायों के नसीब में छत नहीं है. किसी खाली दुकान के शेड के नीचे या फिर बरसात में भींगते रहना इनकी नियती है. कहीं-कहीं तो ऐसा भी देखा गया है कि गाय सड़क पर बच्चे को जन्म दे देती है. जिसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा उसे सड़क के किनारे कर फिर वहीं छोड़ दिया जाता है.

गाय को बेहरमी के साथ पीटने से भी परहेज नहीं

गाय को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है, लेकिन ये गाय भोजन के लिए बाजार पर निर्भर हैं. बाजार में सड़ी गली सब्जियों के भरोसे इनका भोजन होता है. दुखद है कि पॉलीथिन भी खाते रहने के कारण इन गायों की मौत दर्दनाक होती है. वहीं कभी किसी दुकान पर मौजूद सब्जी में मुंह लगा देने पर सब्जी वाले और ग्राहक इन्हें भगाते रहते हैं. आलम यह है कि दुकानदार गायों को बेहरमी के साथ पीटने से भी परहेज नहीं करते है. पूर्णिया गौला चौक से लेकर सुभाष चौक तक सड़क पर गायों की संख्या अत्याधिक देखी जाती है. गाय मालिकों को सचेत करें नगर परिषद के लोगों का कहना हुआ कि इन गायों के सड़क पर खड़े हो जाने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. नगर परिषद को इन गाय के मालिकों को सचेत करना चाहिए कि वे गायों को खूंटे में बांध कर रखें अन्यथा नगर परिषद के चारागाह में भेज दिया जायेगा. सड़क पर गाय की संख्या ज्यादा रहती है. सुभाष चौक पर बीच सड़क से गाय झूंड में गुजरती है. सड़क की दोनों तरफ से वाहन चालकों का हार्न भी इन्हें हटाने में नाकाम साबित होती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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