नहर में पानी नहीं आने से नाराज अन्नदाता, पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा किया प्रदर्शन
नहर में पानी नहीं आने से नाराज अन्नदाता
उदाकिशुनगंज. सिंचाई की समुचित स्रोत या उत्तम व्यवस्था माने जाने वाली नहर विभागीय लापरवाही के कारण अपना अस्तित्व खो चुका है. किसान संसाधन के लिए सिंचाई पर निर्भर है. दूसरी ओर खेत में लहलहाती फसल मौसमी पानी के आस में दम तोड़ने के कगार पर है. सिंचाई विभाग का नहर अब एक सपना साबित हो रहा है. मालूम हो कि पुरैनी केनाल के नाम से जाने वाले नहर में ससमय पानी नहीं आने से मंगलवार को नाराज दर्जनों किसानों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान नाराज किसानों ने कहा कि पुरैनी केनाल में पानी नहीं छोड़ा गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करने को बाध्य हो जायेंगे. ज्ञात हो कि मानसून की बेरुखी के चलते बरसात न होने से हजारों मक्का किसान परेशान है. नहर में पानी छोड़ने की मांग को लेकर सिंचाई विभाग के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया. नाराज किसानों का कहना था की जल्द से जल्द नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसान सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे. किसानों ने कहा कि महंगाई के इस दौड़ में कमर तोड़ मेहनत कर फसल उगाते हैं. पानी के एवज में सरकार को सालाना लगान भी देते हैं. जबकि हमलोगो की मुख्य फसल मक्का है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसानों को नहर में समय से कभी भी पानी नहीं मिलता है. वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा हम किसानों को बताया जाता है कि 25 दिसंबर से 25 मार्च तक रवि फसल के लिए पानी दिया जायेगा. जबकि पुरैनी केनाल क्षेत्र में रवि फसल गेहूं का खेती लगभग बंद हो चुका है. यहां के किसानों का अब मक्का की खेती मुख्य फसल है. मक्का की खेती करने के लिए हम किसानों को कम से कम प्रत्येक साल 15 मई तक पानी मिलना चाहिए. मौके पर ब्रहमोव पासवान, किशन साह, हरिहर प्रसाद सिंह, राज कुमार साह, सुभकलाल ठाकुर, पंकज सिंह, रामस्वरूप दास, रमेश पासमान, राजो मेहता, ललन ठाकुर, मुकेश शर्मा, पंकज शर्मा, राज कुमार पासवान, विनो मिस्त्री, नवलकिशोर पासवान, मुकेश मेहता, आशीष कुमार मेहता सहित अन्य किसानों ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.