मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के दो शोधार्थी द्वारा आत्मदाह के लिए राष्ट्रपति से स्वीकृति प्रदान करने के लिए आवेदन करने के मामले में शुक्रवार को छात्र संगठनों का बीएनएमयू प्रशासन से वार्ता असफल हुआ. छात्र संगठनों ने शनिवार से अनिश्चितकालीन छात्र न्याय सत्याग्रह करेगा. एनएसयूआइ, छात्र राजद, छात्र जदयू, युवा शक्ति, एआइएसएफ व आइसा द्वारा लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता कर सकारात्मक पहल करने के लिए गुहार लगायी. वार्ता असफल होने के बाद छात्र संगठन एनएसयूआइ, छात्र राजद, छात्र जदयू, युवा शक्ति, एआइएसएफ व आइसा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने बीएनएमयू प्रशासनिक परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष काला पट्टी लगाकर दोनों छात्र नेताओं को न्याय दिलाने एवं बीएनएमयू प्रशासन के तानाशाही रवैया एवं भ्रष्टाचार को खत्म करने का संकल्प लिया. कुलपति छात्रों का निलंबन लें वापस छात्र नेताओं ने शपथ लिया कि किसी भी कीमत पर दोनों छात्र नेताओं के न्याय की लड़ाई के लिए अंतिम दम तक संघर्षरत रहेंगे. एनएसयूआइ के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन के दमनात्मक नीति के कारण दो छात्र नेता अपनी जान की आहुति देने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. वहीं यूजीसी चेयरमैन द्वारा कार्रवाई के लिए ज्वाइंट स्क्रेटरी को आवेदन अग्रसारित किया गया है. बीएनएमयू प्रशासन के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है. बीएनएमयू प्रशासन दीक्षांत समारोह की तैयारी में लिप्त है, जबकि पूर्व में दीक्षा लेने वाले छात्रों को आज आत्मदाह करने की नौबत आने के बाद दीक्षांत का कोई महत्व नहीं रह गया है. बीएनएमयू प्रशासन समय रहते पहल कर, छात्रों का निलंबन वापस लें, नहीं तो एक बड़ी अनहोनी की आशंका बन गई है. छात्र नेताओं के आवाज को दबाना चाहते हैं कुलपति छात्र राजद के बीएनएमयू अध्यक्ष सोनू यादव ने कहा कि 33 साल के इतिहास में पहली बार छात्र नेताओं को आत्मदाह करने की नौबत आ गयी है. समय रहते कुलपति दोनों छात्र नेताओं का भविष्य बचायें. छात्र जदयू के बीएनएमयू अध्यक्ष निखिल सिंह यादव ने कहा कि जो छात्र नेता विश्वविद्यालय की समस्या को लेकर आवाज उठाता है, कुलपति उनके आवाज को दबाना चाहते हैं. युवा शक्ति के सौरभ यादव ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन निर्दय एवं निरंकुश है. छात्र नेता आत्मदाह करते हैं तो बीएनएमयू प्रशासन बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहें. आइसा जिला सचिव पावेल कुमार ने कहा कि दोनों शोध छात्रों को कुलपति के द्वारा मानसिक प्रताड़ना कर, विभिन्न तरह की धमकियां दी जाती है. एआईएसएफ नेता प्रभात रंजन ने कहा कि दोनों शोध छात्रों का आत्मदाह के लिए विश्वविद्यालय द्वारा मजबूर करना दुर्भाग्यपूर्ण है. मौके पर आइसा नेता एजाज अख्तर, छात्र जदयू के रमेश राम, प्रेम कुमार, युवा शक्ति के सुमित कुमार, निरंजन कुमार, रितु कुमार, भीम आर्मी के बिट्टू रावण, आइसा के राजकिशोर कुमार आदि मौजूद थे.
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