बिहार के इस जिले में हाईस्पीड रेल इंजन का निर्माण, अब सफर होगा फास्ट और स्मार्ट
Bihar News: बिहार के कोसी क्षेत्र में स्थित मधेपुरा, अब सिर्फ बाढ़ और पिछड़ेपन के लिए नहीं, बल्कि देश के सबसे शक्तिशाली रेल इंजन के निर्माण केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा. फ्रांस की एल्सटॉम और भारत सरकार के संयुक्त उद्यम के तहत, मधेपुरा स्थित ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कारखाना अब उच्च क्षमता वाले हाई स्पीड रेल इंजन का निर्माण करेगा.
Bihar News: बिहार के कोसी क्षेत्र में स्थित मधेपुरा, अब सिर्फ बाढ़ और पिछड़ेपन के लिए नहीं, बल्कि देश के सबसे शक्तिशाली रेल इंजन के निर्माण केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा. फ्रांस की एल्सटॉम और भारत सरकार के संयुक्त उद्यम के तहत, मधेपुरा स्थित ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कारखाना अब उच्च क्षमता वाले हाई स्पीड रेल इंजन का निर्माण करेगा. यह कदम न केवल बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि काशी में बनारस रेल इंजन कारखाने में भी इन इंजन का निर्माण शुरू होने से क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी.
बनारस रेल कारखाने के अधिकारी लगातार कर रहे निरीक्षण
बनारस रेल कारखाने के अधिकारियों की टीम ने मधेपुरा के ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कारखाने का कई बार दौरा किया है. यहां की टीम ने इंजन निर्माण की प्रक्रिया का अवलोकन किया और उसकी खूबियों को सराहा. बनारस में इस इंजन के निर्माण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.
मधेपुरा में 500 इंजन हो चुके हैं तैयार
अब तक 500 हाईस्पीड इंजन मधेपुरा कारखाने में तैयार हो चुके हैं, जिनका उपयोग मालगाड़ियों में किया जा रहा है. इन इंजनों से 6,000 टन माल की ढुलाई संभव हो पाई है. प्रतिवर्ष 100 इंजन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
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800 हाईस्पीड इंजन का उत्पादन अगले 11 वर्षों में
मधेपुरा कारखाना अगले 11 वर्षों में 800 हाईस्पीड इंजन का उत्पादन करेगा, जो भारतीय रेलवे की पटरियों पर 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगे. यह प्रोजेक्ट न केवल मधेपुरा बल्कि पूरे बिहार और काशी क्षेत्र के लिए विकास और रोजगार का बड़ा अवसर साबित होगा.