Bihar News: मधेपुरा के एसपी जाम में फंसे तो वसूली की खुली पोल, एक युवक को हिरासत में लिया…

Bihar News: मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज में नगर परिषद द्वारा वाहनों से टैक्स वसूली को लेकर मामला सामने आया है. एसपी संदीप सिंह जाम में फंसे तो इसका खुलासा हुआ.

By Abhinandan Pandey | August 31, 2024 11:21 AM

Bihar News: मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज नगर परिषद अस्तित्व में आने के साथ ही विवादों से भी घिरा रहा है. ताजा मामला नगर परिषद द्वारा वाहनों से टैक्स वसूली को लेकर सामने आया है. दरअसल गुरुवार को एसपी संदीप सिंह उदाकिशुनगंज आ रहे थे. तभी काॅलेज चौक के समीप उनका वाहन जाम में फंस गया, उसके बाद एसपी ने अपने सुरक्षाकर्मियों से जाम का कारण पता करने को कहा तो पता चला कि नप के संवेदक के कर्मी वाहनों से टैक्स वसूली कर रहे हैं.

एसपी ने उदाकिशुनगंज पुलिस को बुलाकर मामले की जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया. जांच में यह बात सामने आई कि वसूली की रसीद पर परवाना नंबर और संवेदक का नाम अंकित नहीं है. पुलिस को संदेह हुआ और पड़ताल के लिए वसूली कर रहे एक युवक को हिरासत में ले लिया.

जिस युवक को हिरासत में लिया गया है उसका नाम संजीव कुमार बताया जा रहा है. वह मुख्यालय के ही डोहटवारी मुहल्ले का रहने है. हालांकि देर रात नप के कार्यपालक पदाधिकारी पुष्कर कुमार पुष्प का लिखित पत्र मिलने के बाद युवक को थाने से छोड़ दिया गया. गड़बड़ी सामने आने पर शुक्रवार को वसूली बंद रहा.

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पूछताछ के लिए नप के ईओ नहीं पहुंचे थाना

वरीय अधिकारी के निर्देश पर थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने जांच की. थानाध्यक्ष ने नप के ईओ को थाने पर बुलाया, लेकिन वे नहीं पहुंचे. थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और सीओ हरिनाथ राम खुद कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर उनसे पूछताछ की. जहां कार्यपालक पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने थानाध्यक्ष को लिखित पत्र दिया, जिसमें उन्होंने छोटी वाहनों से वसूली के लिए गम्हरिया के रजनीश कुमार के नाम बंदोबस्त की बात कही.

उन्होंने कहा कि संवेदक को कार्यादेश दिया गया है. लेकिन पत्र में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि कार्यादेश कब जारी किया गया. ईओ के लिखित पत्र के बाद हिरासत में लिए गए युवक को पुलिस ने देर रात ही छोड़ दिया.

कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा- हम जानकारी नहीं दे सकते

थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि युवक को थाने लाया गया था. पूछताछ की गई. कार्यपालक पदाधिकारी के लिखित पत्र के बाद युवक को थाने से रात में ही छोड़ दिया गया. कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा लिखित दिया गया कि उन्हें कार्यादेश दिया गया है. लेकिन उस पत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि किस तिथि को कार्यादेश दिया गया है. किस स्थिति में किस तिथि को कार्यादेश दिया गया और किस परिस्थिति में बिना बंदोबस्ती की राशि जमा किए संवेदक के द्वारा वाहनों से वसूली की जा रही थी.

इस मामले में नप के अधिकारी ही खुलासा कर सकते हैं. कार्यपालक पदाधिकारी पुष्कर कुमार से पूछने पर कहा कि वे कोई भी जानकारी नहीं दे सकते हैं. सारी जानकारी एसडीएम और डीएम को दे दी गई है, उन्हीं से ले लीजिए.

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एसपी ने कहा पड़ताल के लिए युवक को भेजा गया था थाना

एसपी संदीप कुमार सिंह ने कहा कि मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी. वेरिफिकेशन के लिए युवक को थाना भेजा गया था. कार्यपालक पदाधिकारी के वेरिफिकेशन के बाद उनको छोड़ दिया गया. कार्यपालक पदाधिकारी पुष्कर कुमार के द्वारा जांच कर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

20 लाख 51 हजार में हुई थी बंदोबस्ती

नगर परिषद क्षेत्र में हाट और वाहनों से वसूली के लिए दो जुलाई 2024 को बंदोबस्ती हुईं थी. सशक्त स्थायी समिति की बैठक में टेंपो, ई-रिक्शा तथा छोटी सवारी गाड़ी के पड़ाव के लिए सबसे अधिक 20 लाख 51 हजार की बोली लगाने वाले गम्हरिया के रजनीश कुमार के नाम बस पड़ाव की बंदोबस्ती हुई थी. जानकारी के अनुसार उस समय बंदोबस्ती की कुल 20 लाख 51 हजार में से मात्र छह लाख रुपये जमा किया गया था.

बिना कार्यादेश की हो रही थी वसूली

लिहाजा संवेदक रजनीश को न तो कार्यादेश दिया गया और न ही परवाना नंबर. बावजूद उसने वसूली प्रारंभ कर दिया. सवाल है कि जब कार्यादेश मिला ही नहीं तो फिर वसूली कैसे शुरू की गई. करीब दो माह तक वसूली की गयी राशि कहां है. किसकी जेब में जा रहा है. ई-रिक्शा और टेंपो चालकों ने बताया कि अधिक राशि वसूल की जा रही है. हर जगह वसूली से संबंधित रेट चार्ट लगाया जाना है, लेकिन अब तक नहीं लगाया गया है.

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