बीएनएमयू : विश्वविद्यालय को 20, एचएस कॉलेज व एमएचएम कॉलेज को मिला 10 करोड़ ग्रांट

खासतौर पर रिसर्च एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में कार्य किया जायेगा

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 6:30 PM

अमित अंशु मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री उषा योजना प्रधानमंत्री (उच्चतर शिक्षा अभियान) के विभिन्न प्रोजेक्ट्स के तहत 20 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति मिली है. यह राशि ग्रांट टू स्ट्रेंथन यूनिवर्सिटीज (जीएसयू) प्रोजेक्ट के तहत बीएनएमयू को मिलेगी. इसके अलावा मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड स्थित हरिहर साहा महाविद्यालय एवं सहरसा जिले के सोनवर्षा प्रखंड स्थित एमएचएम महाविद्यालय को ग्रांट टू स्ट्रेंथन कॉलेजेज (जीएससी) प्रोजेक्ट के तहत पांच-पांच करोड़ राशि स्वीकृत की गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय उच्च शिक्षा विभाग के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने इसके प्रस्तावों को मंजूरी दी है. बिहार के उच्च शिक्षा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. इसमें खासतौर पर रिसर्च एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में कार्य किया जायेगा. -शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हो चुकी है ऑनलाइन बैठक- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डा विमलेंदु शेखर झा ने बताया कि प्रोजेक्ट में सर्वाधिक राशि विश्वविद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे. इसके अलावा रिसर्च लैब के लिए उपकरण, स्मार्ट क्लासेज एवं लाइब्रेरी के डिजिटलाइजेशन पर रुपये खर्च किए जायेंगे. उन्होंने कहा कि ग्रांट टू स्ट्रेंथन यूनिवर्सिटीज (जीएसयू) के तहत स्वीकृत राशि को किन-किन चीजों में खर्च की जाएगी, इसको लेकर दो जनवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई. -विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सॉफ्ट स्किल पर खर्च की जायेगी राशि- शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ दो जनवरी को ऑनलाइन बैठक में जिन-जिन विश्वविद्यालय को राशि स्वीकृत हुई है, उनके प्रतिनिधि ने भाग लिया और बताया कि उनलोगों की क्या योजना है. उस पैसे से क्या करना चाहते हैं. इसके बाद इसका डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनेगा. डीपीआर भेजने के बाद विश्वविद्यालय को राशि उपलब्ध कराई जायेगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सॉफ्ट स्किल पर राशि खर्च की जायेगी. इसको लेकर विश्वविद्यालय में बैठक कर यह तय की जाएगी कि इस राशि से क्या-क्या किया जा सकता है. इसी तरह महाविद्यालय को जो राशि स्वीकृत हुई है, उसका 75 प्रतिशत राशि भवन निर्माण पर खर्च किये जायेंगे एवं 25 प्रतिशत राशि अन्य चीजों पर खर्च होगी. -विश्वविद्यालय को समृद्ध एवं सशक्त बनाने के लिए सरकार ने दी है राशि- बीएनएमयू कुलपति प्रो डा विमलेंदु शेखर झा ने कहा कि विश्वविद्यालय को समृद्ध एवं सशक्त बनाने के लिए सरकार ने यह राशि दी है, ताकि वह नैक एक्रीडिएशन कराने के लिए बेहतर ढंग से तैयारी कर सकें. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में एडवांस रिसर्च लैब बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. जिससे यहां के शोधार्थी आधुनिक तकनीक से शोध कार्य संपादित कर सकें. 2025 में विश्वविद्यालय में रिसर्च लैब के अलावा लाइब्रेरी, कंप्यूटर सेल बिल्डिंग, काउंसलिंग सेंटर, ग्रीनहाउस के अलावा परीक्षा भवन में जैमर भी लगाये जायेंगे. इन सबके लिए वार्षिक बजट में भी प्रावधान किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version