साहब ने तो चालान काट दिया, लेकिन शहर में नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
जिले में वाहन मालिक एवं वाहन चालक द्वारा सड़क पर मोटरसाइकिल, चार चक्का वाहन, ऑटो एवं निजी वाहन खड़ा करने को लेकर यातायात पुलिस पूरी तरह सख्त है.
मधेपुरा. जिले में वाहन मालिक एवं वाहन चालक द्वारा सड़क पर मोटरसाइकिल, चार चक्का वाहन, ऑटो एवं निजी वाहन खड़ा करने को लेकर यातायात पुलिस पूरी तरह सख्त है. विभाग द्वारा सड़क पर खड़े वाहनों का चालान काटा जा रहा है, लेकिन पार्किंग व्यवस्था के नाम पर शहर में तत्काल कोई सुविधा दिखाई नहीं दे रही है. यातायात पुलिस द्वारा चालान तो काटा जा रहा है, लेकिन व्यवस्था एक रुपया का भी नहीं दी जा रही है. अब तो लोग भी खुलकर जिला प्रशासन एवं यातायात पुलिस विभाग का विरोध करने लगे हैं और कहते हैं कि सिर्फ चालान काटा जायेगा या फिर सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी. लोगों ने कहा कि बहुत जल्द चालान काटने के बाद भी सुविधा नहीं देने को लेकर विरोध किया जायेगा.
एक तरफा कार्रवाई कर रही है यातायात पुलिस
लोगों ने कहा कि यातायात पुलिस जाम की समस्या से शहर को निजात दिलाने के लिए सड़क पर खड़े वाहनों का चालान काट कर, रसीद थमा कर चले जाते हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं ढूंढा जा रहा है. जिसका खामियाजा आम लोगों को चालान के रूप में पैसा देकर भुगतना पड़ रहा है. पार्किंग की जगह नहीं रहेगी तो लोग वाहन कहां खड़ा करेंगे. यातायात पुलिस सिर्फ और सिर्फ एक तरफा कार्रवाई कर रही है, जिससे आम लोग परेशान हो रहे हैं.
गाड़ी वाले व दुकानदार के बीच होती रहती है फजीहत
लोगों ने कहा कि जिले में पार्किंग की सख्त जरूरत है. जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे नहीं दे रही है. प्रत्येक दिन गाड़ी वाले एवं दुकानदार के बीच फजीहत होती रहती है. पार्किंग की सुविधा जल्द नहीं बनाये जाने से कोई बड़ी घटना भी घट सकती है. चौक-चौराहों पर लोगों के द्वारा यत्र-तत्र गाड़ी लगा दिया जाता है, जिससे काफी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पार्किंग नहीं रहने के कारण लोग सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम लग जाता है.
अधिकारी व जनप्रतिनिधि को कोसते हैं लोग
किसी भी अन्य बड़े शहर की तरह मधेपुरा में भी पार्किंग बड़ी समस्या बन गई है. पार्किंग की व्यवस्था न तो किसी बैंक में और न बाजार में है. प्राइवेट नर्सिंग होम, साइबर, शॉपिंग सेंटर एवं शहर के बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों के सामने जाम लगी रहती है. इस तरह घंटों जाम में रहने के कारण लोग जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कोसते रहते हैं.
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