लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ उदयीमान सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ उदयीमान सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व उदयीमान सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न हो गया. गुरुवार की शाम छठ व्रतियों द्वारा विभिन्न नदी, तालाब, पोखर व घरों के आगे गड्ढा खोदकर व उसमें पानी डालकर अस्तलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया. शुक्रवार की सुबह अर्घ के साथ ही छठ व्रतियों का उपवास भी समाप्त हो गया. सुबह जैसे ही सूर्य ने अपनी लालिमा बिखेरी छठ व्रतियों के चेहरे खिल उठे और भगवान सूर्य देव को अर्घ देकर पर्व को पूर्ण किया. जिला मुख्यालय स्थिति विभिन्न छट घाटों पर प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त देखी गयी. इस दौरान बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री सह सदर विधायक प्रो चंद्रशेखर समेत जिले के अन्य पदाधिकारी छठ घाट का निरीक्षण किया व भगवान सूर्य को अर्घ दिया. शहर के सुखासन घाट, भीरखी घाट, गोमती घाट, बेलहा घाट, गौशाला घाट, गोमती पुल घाट, जयपालपट्टी घाट, पथराहा पोखर, महिला कॉलेज के पूरब घाट, साहूगढ़ नदी घाट पर लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ देकर छठ पर्व मनाया.
गुरुवार व शुक्रवार को पर्व की घोषित बंदी थी. छठ पर्व होने के कारण गुरुवार को बाजार में इतनी भीड़ रही कि पूर्णिया गोला चौक से थाना चौक तक दिन भर में कई बार जाम की स्थिति बन गयी. शाम होते-होते दुकानों के शटर गिर गये. बाजार पूरी तरह खाली हो गया. जिसे देखो वही सिर पर दउरा उठाये छठ घाट की ओर चला जा रहा था. शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के बाद छठ पर्व का समापन तो हो गया, लेकिन लोग छुट्टी के मूड में ही रहे. तीन दिनों की हरारत के बाद शहर की अधिकतर दुकानें बंद ही रही. ऐसा लग रहा था कि छठ कर्फ्यू है. ऐसा माना जा रहा है कि सोमवार से ही बाजार पटरी पर लौटेगा.
दंड प्रणामी देते हुए घाट पर पहुंचे श्रद्धालु
शहरवासी आधी रात को ही घाट पर पहुंच गये व सूर्यदेव की बेसब्री से इंतजार करने लगे. कई व्रती व श्रद्धालु दंड प्रणाम देकर घाट पर पहुंचे. लोक आस्था है कि छठ मईया की महिमा अपरमपार है़. सभी अपने कष्ट, वैर भावना भूल कर एक-दूसरे के साथ मिलकर छठ पूजा अर्चना करते है. छठ मईया के भक्ति गीतों से पूरा घाट गूंजता रहा. लोगों में खुशी देखी गयी. हर कोई अपनी मन्नते मांगने घाट पर उपस्थित थे. वहीं सूर्यदेव के रोशनी की झलख देखते ही छठव्रती व श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौर गई. मनोकामनाओं के साथ सूर्यदेव को अर्घ अर्पण की. इसी के साथ महापर्व छठ पूजा संपन्न हो गया.घाटों पर सुरक्षा की रही संपूर्ण व्यवस्था
जिला मुख्यालय के सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन पूरी तरह से तैयार थे. हर छठ घाट पर खतरे के निशान पर बांस व लाल कपड़ा बांधा गया था. वहीं गोताखोर व बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मी तैनात थे. प्रशासन की मुस्तैदी से महापर्व छठ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. छठ घाटों पर जिले के सभी अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुये थे.सूर्य मंदिर में किया गया पूजा, छठ घाट पर लगाया गया था मेला
गुरुवार की शाम व शुक्रवार की सुबह शहर संगीत, छठ घाट दिये व सजावट से जगमगाता रहा. रातों में छठ घाट पर जलता दिया अपनी सुंदरता की छटा बिखेर रहा था. भिरखी नदी छठ घाट पर छठ पूजा को लेकर मेला भी लगाया गया था. जहां पर छोटे-छोटे बच्चों ने झूले का आनंद उठाया. साथ ही मेले में लगे नाश्ते की दुकान तथा खिलौनों की दुकान भी बच्चों को खूब भाया, जबकि छठ घाटों पर बच्चों ने आतिशबाजी का भी खूब आनंद उठाया. भिरखी नदी छठ घाट पर व्रतियों द्वारा उदयीमान सूर्य को अर्घ देने के बाद नदी किनारे स्थित शहर सूर्य मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर की व्यवस्था मंदिर अध्यक्ष आचार्य गोपी पंडित के नेतृत्व में किया गया, जबकि भिरखी नदी छठ घाट पर टेंट, लाइट व साउंड की व्यवस्था उत्तम टेंट हाउस के द्वारा नि:शुल्क किया गया. डीएम व अन्य अधिकारियों ने किया निरीक्षणमधेपुरा नगर परिषद अंतर्गत वार्ड नंबर दो नोलखिया छठ घाट पर पूर्व पार्षद सह प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी विनीता भारती ने छठ मनाया. जयपालपट्टी छठ घाट पर उदीयमान सूर्य देवता को पूर्व पार्षद सह सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव व अन्य छठव्रतियों ने अर्घ दिया. लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत के सफल आयोजन तथा छठव्रतियों को सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने को लेकर जिला पदाधिकारी तरणजोत सिंह के द्वारा अपर समाहर्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी व सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ छठ घाटों का निरीक्षण किया गया.
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