मधेपुरा : लैंगिग अपराध से पीड़ित बच्चों को पॉक्सो एक्ट के नियमों के तहत कोर्ट में पारिवारिक माहौल उपलब्ध कराने के लिए सिविल कोर्ट में निर्मित बालमित्र न्यायालय का ई उद्घाटन बुधवार को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजय करोल ने किया. उन्होंने कहा कि बच्चों को सहज माहौल उपलब्ध कराने व न्यायिक प्रक्रिया को आसानी से पूरा कराने में यह कोर्ट अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. मधेपुरा के इंस्पेक्टिंग जस्टिस अरविन्द श्रीवास्तव ने बताया कि ऐतिहासिक नगरी के लिए यह क्षण बेहद अहम है.
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह, हेमंत कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी कुमार सिंह, एहसानउद्दीन अमानउल्लाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया . उद्घाटन भाषण जिला जज रमेश चंद्र मालवीय ने दिया, जबकि समापन एडीजे द्वितीय विनय तिवारी ने किया संचालन सिविल जज मनीष चंद्रा कर रहे थे. इस दौरान डीएम नवदीप शुक्ला एसपी योगेंद्र प्रसाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पुलकित यादव सचिव संजीव कुमार लोक अभियोजक इंद्र कांत चौधरी विशेष लोक अभियोजक विजय विजेता आदि मौजूद थे.
पीड़ित बालक-बालिकाओं को परिजनों के साथ सहज माहौल उपलब्ध कराना ही इस न्यायालय का है मुख्य उद्देश्य: जिला जज रमेश चंद्र मालवीय ने बताया कि बाल मित्र न्यायालय में पीड़ित नाबालिग जिनके मामले पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज की जा रही है की सुनवाई की जायेगी. इस अदालत में ऐसी व्यवस्था की गयी कि बच्चों को अदालत आकर अपने साथ हुए जुर्म को बताने में कोई परेशानी नहीं होगी.
उन्हें बिल्कुल आम वातावरण में मित्रवत व्यवहार मिलेगा. पॉस्को के तहत लंबित हैं 144 मामले: मधेपुरा में पॉस्को के तहत 144 मामले लंबित हैं इन मामलों की सुनवाई अब इस न्यायालय में होगी. न्यायालय को अलग रंग रूप प्रदान किया गया है. बच्चों के लिए खिलौनों दीवार पर कार्टून व इस तरह से सुसज्जित किया गया है कि माहौल बुझिल न लगे और बिल्कुल ऐसा लगे कि बच्चे किसी खेलने के कमरे में आ गए हैं.
posted by ashish jha