दो-तीन दिन सामुदायिक किचन चलाकर दिया बंद

दो-तीन दिन सामुदायिक किचन चलाकर दिया बंद

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 9:23 PM

प्रतिनिधि, मधेपुरा

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव सोमवार को जिले के चौसा, आलमनगर व पुरैनी प्रखंड के विभिन्न बाढ़ पीड़ित पंचायतों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि चौसा के सात पंचायत पूर्ण व दो पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. इन नौ पंचायतों में से सिर्फ चार पंचायतों के दो हजार परिवारों को राशन उपलब्ध कराया गया है, जिसमें चिरौरी व फुलौत के एक-एक हजार व मुसंडा के दो हजार परिवार शामिल हैं, जबकि इन पंचायतों में परिवारों की संख्या छह हजार है. मुसंडा सबसे अधिक प्रभावित है. सांसद ने कहा कि सामुदायिक किचन दो-तीन दिन चलाकर बंद कर दिया गया. बाढ़ पीड़ितों को सूखा राशन नहीं के बराबर दिया गया है. कहीं भी महिलाओं के लिए बाथरूम तक नहीं है. सिर छिपाने के लिए तिरपाल तक नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की सेवा के नाम पर राज्य सरकार सिर्फ औपचारिकता निभा रही है. वह फसल क्षति की बात नहीं कर रही है. गृह क्षति की बातें नहीं हो रही है. पशु क्षति की बातें नहीं हो रही है.

कोई सदस्यता चला रहा तो कोई खुलवा रहा ठेका

सांसद ने कहा कि सरकार के खजाने पर यहां की जनता का पहला अधिकार है, क्योंकि यह टैक्स का पैसा है, लेकिन सरकार दो लाख बाढ़ पीड़ितों के बैंक एकाउंट में सात हजार की दर से मुआवजा देकर अपना पीठ खुद थपथपा रही है.

सांसद ने कहा कि राज्य के 32 लाख लोग बाढ़ से तबाह हैं या हो चुके हैं, लेकिन कोई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रहा है तो कोई जात-पात की राजनीति करने में उलझा है. मुख्यमंत्री भारत रत्न पाना चाह रहे हैं. एक पार्टी सदस्यता अभियान चला रही है, तो दूसरी पार्टी शराब को फिर से बहाल कराने में जुटी हुई है. ऐसे विकट समय में इनका राजनीति करना ठीक नहीं है. पप्पू यादव ने कहा कि यदि कुसहा त्रासदी के बाद यदि जनता दो क्विंटल चावल और दो क्विंटल गेहूं नहीं ली होती तो, आज ऐसे हालात नहीं होते. जनता खाद्यान्न लेकर अपने सभी दुखों को भूल गई है.

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