सदर अस्पताल में भासा के राज्य स्तरीय सदस्यों का हुआ सम्मेलन
सदर अस्पताल में भासा के राज्य स्तरीय सदस्यों का हुआ सम्मेलन
मधेपुरा. सदर अस्पताल में सोमवार को भासा के राज्य स्तरीय सदस्यों का कोसी प्रमंडलीय सम्मेलन हुआ, जिसमें राज्य स्तर पर चिकित्सकों को होने वाली समस्याओं पर चर्चा की गयी. गत कई महीनों से भासा के पूर्ववर्ती मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों, स्वास्थ्य मंत्री सहित बिहार सरकार को अवगत कराया गया है, लेकिन निम्नलिखित मांगों पर आज तक कोई भी निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया गया है. इसलिए पुनः आज इस सम्मेलन में भासा द्वारा सरकार से मांगों के लिए सहमती बनी है. मांगों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में सात वर्षों से अधिक की सजा का प्रावधान कर अधिक उपयोगी बनाना, ऐच्छिक गृह जिला में पदस्थापना, पति व पत्नी का एक जगह पदस्थापना, डीएसीपी के आधार पर नियमित प्रोन्नति सुनिश्चित करना, बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अर्हता प्राप्त चिकित्सकों को बिहार सरकार के वर्तमान में होने वाले सहायक प्रध्यापक के स्थायी नियुक्ति में प्रतिवर्ष अतिरिक्त दो अंक मान्य हो और बीएचएस में कार्यरत चिकित्सकों के लिए 40 प्रतिशत सीट आरक्षित किया जाय, कार्य स्थल पर आवासीय सुविधा मुहैया कराना, पीजी सीट में सेवा चिकित्सकों को प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक ग्रेस अंक दिया जाय, ड्यूटी की घंटे का निर्धारण करना, संविदा अवधि के कार्यों का लाभ उनके वर्तमान नियमित वेतनमान, डीएसीपी सहित सभी प्रोन्नति तथा अन्य मामलों में दी जाय, स्वास्थ्य निदेशालय का सुदृढ़ीकरण व सचिवीय शक्ति सहित नियमित प्रोन्नति दिया जाना, चिकित्सकों की रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करना, मंत्रिमंडल कार्यालय संकल्प संख्या-228 दिनांक – 25.08.2023 द्वारा प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सदस्य नामित किया गया है, जबकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल पदाधिकारी से वरीय पदाधिकारी है. सरकार द्वारा पदों का वर्गीकरण को ध्यान में रखकर इसमें आवश्यक संशोधन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र जारी किया जाय. उच्च शिक्षा या प्रशिक्षण में चले जाने के कारण उत्पन्न चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए एलआरपी के पदों का सृजन करना, चिकित्सकों का कार्य आकस्मिक (24×7) ड्यूटी होता है और सरकार द्वारा उपर्युक्त विषयों पर कोई स्थायी निर्णय नहीं लिया गया है. इसलिए किसी भी चिकित्सक को बायोमैट्रिक उपस्थिति के लिए बाध्य नहीं किया जाय एवं इस आधार पर वेतन अवरुद्ध नहीं किया जाय. कैशलेश हेल्थ कार्ड द्वारा 50 लाख तक की चिकित्सा के लिए सुविधा प्रदान की जाय. पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाय. यदि 15 दिनों के अंदर सरकार द्वारा उपर्युक्त मांगों पर संतोषपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया, तो मजबूरन भासा को राज्य स्तरीय कार्य बहिष्कार सहित अन्य कठोर निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा. इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
सम्मेलन में भासा के राज्य इकाई अध्यक्ष डॉ महेश प्रसाद सिंह, भासा के अध्यक्ष डॉ मिथलेश ठाकुर, कोसी प्रमंडल के क्षेत्रीय उपनिदेशक डॉ शैल बाला, सुपौल सिविल सर्जन डॉ एलके ठाकुर, भासा के उपाध्यक्ष डॉ रोहित कुमार, भासा के प्रवक्ता डॉ विनय कुमार, अपर महासचिव डॉ हसरत अब्वास, कार्यालय सचिव सह भासा के कोषाध्यक्ष डॉ कुमार सौरभ, भासा के उपाध्यक्ष डॉ वलीकु रहमान, डॉ प्रकाश कुमार, सचिव डॉ रुपेश कुमार, संयुक्त सचिव डॉ नवीन कुमार, डॉ खुशबू प्रकाश डॉ मिथिलेश कुमार, प्रवक्ता डॉ अनुज कुमार, डॉ रुपेश कुमार, डॉ अविनाश कुमार, डॉ प्रीति कुमारी, डॉ सुरेश कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है