प्रखंड कार्यालय परिसर में गुरुवार को भाकपा ने 11 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को धरना दिया, जिसका नेतृत्व भाकपा के कार्यकारी अंचल मंत्री रमेश कुमार शर्मा ने किया. भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आज देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है. शासन और प्रशासन लोकतंत्र को कुचलने पर आमदा है. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का तांडव जारी है. कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है.
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार गरीबों की नहीं कॉरपोरेटों की है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार एक साजिश के तहत आरक्षण को समाप्त करने पर आमदा है. उन्होंने कहा कि महंगाई की मार से परेशान जनता को कोई राहत नहीं दी गयी.भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने भूमिहीनों को वासगीत पर्चा देने, सभी पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने, राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की अवधि दिसंबर तक बढ़ाने व बीपीएल परिवार के बिजली कनेक्शन काटने पर रोक लगाने, गलत बिजली बिल का निष्पादन शिविर लगा कर करने, मधेपुरा जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने, किसानों का ऋण माफ करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो संघर्ष तेज और उग्र होंगे और इसके लिए शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा. भाकपा के वरीय नेता रमण कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ का स्थायी निदान करने, विकास योजनाओं एवं गरीबी उन्मूलन योजनाओं में व्याप्त लूट पर रोक लगाने, दाखिल खारिज में व्याप्त धांधली पर रोक लगाने एवं प्रखंड कार्यालय को दलालों से मुक्त करने की मांग की. भाकपा के अंचल मंत्री अनिल कुमार भारती एवं भाकपा के सहायक अंचल मंत्री मो सिराज ने कहा कि केंद्र में किसानों की नहीं कंपनियों की सरकार है.
वहीं रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जनता का शोषण जारी है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है. मौके पर मो अख्तर, शिवजी साह, रोशन यादव, सुखदेव दास, इंदल पसवान, अजय कुमार राम, रवींद्र पासवान, दिनेश ऋषिदेव, फुलेश्वर यादव, अनोज ऋषिदेव, मो रिजवान, मंजूर, अरमान अली, नरेश ऋषिदेव, मनोरमा देवी, वकील यादव, अवध ऋषिदेव, नागो ऋषिदेव आदि आदि शामिल थे. धरना के बाद 11 सूत्री मांगों का स्मार प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को सौंपा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है