बिहारीगंज. अप्रैल 2022 से बिहारीगंज रेलवे स्टेशन से ट्रेन की सीटी क्या बजी, सड़कों पर चल रही बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों को बंद ही कर दिया गया़ जबकि बिहारीगंज से पैर्णिया व सहरसा जाने के लिए सिर्फ एक-एक ट्रेन का परिचालन हो रहा है और इन दोनों ही रूटों पर दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ट्रेनों के परिचालन का समय उपयुक्त नहीं होने से लोगों को सड़क यातायात की सेवा लेनी पड़ती है. निजी बसों का अत्यधिक किराया लोगों को रूला देता है. लिहाजा लोगों ने बिहारीगंज से पूर्णिया, भागलपुर, सहरसा, सुपौल सहित अन्य शहरों के लिए सरकारी बस के परिचालन की मांग की है. बस परिचालन से लोगों को मिली थी सुविधा छोटी लाइन (एमजी) से बड़ी लाइन (बीजी) में अमान परिवर्तन करने के लिए रेलवे ने 31 जनवरी 2016 को बिहारीगंज रेलवे स्टेशन से सभी ट्रेनों का परिचालन बंद करते हुए मेगा ब्लॉक लिया था. लोगों को यातायात में हो रही परेशानी को देखते हुए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने बिहारीगंज से पूर्णिया की रूट पर तीन जोड़ी बसों का परिचालन शुरू कराया था. कम किराया व सभी बस स्टॉप पर निर्धारित समय में पहुंचने के कारण सरकारी बस लोकप्रिय हुई थी. सरकारी बस पूर्णिया रूट में बड़हरा कोठी, बनमनखी, सरसी जैसे स्टॉप तक लोगों को ससमय पहुंचाती थी. बसों में सवारियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए बिहारीगंज से भागलपुर, सहरसा, सुपौल आदि मार्गों पर भी बसों के परिचालन का प्रस्ताव डिपो को भेजा गया था. कोरोना के बाद फिर शुरू हुआ परिचालन कोरोना काल में देश भर की सभी रोड रूट पर बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था. बिहारीगंज से भी सभी सरकारी बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था. कोरोना की समाप्ति बाद सरकारी बसों के फिर से परिचालन होने से लोगों को राहत मिली. इस बीच रेलवे के ब्रॉडगेज का कार्य पूर्ण हो गया और पहले नौ फरवरी 2022 को प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल) किया गया. सबकुछ ठीकठाक रहने के बाद अप्रैल 2022 से पूर्णिया व सहरसा के लिए एक-एक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया. ट्रेन का परिचालन शुरू होते ही डिपो ने इस रूट पर सरकारी बसों का परिचालन बंद कर दिया. ट्रेनों का भी नहीं बढ़ाया जा रहा फेरा बिहारीगंज रेलवे स्टेशन से मात्र दो सवारी गाड़ी के परिचालन होने से उदाकिशुनगंज अनुमंडल के सभी छह प्रखंडों के यात्रियों की जरूरत पूरी नहीं होती है. न तो ट्रेनों की संख्या या फेरे बढ़ाये जा रहे हैं और न ही रोड रूट पर सरकारी बसों का ही परिचालन किया जा रहा है. दूसरी बड़ी समस्या किराया को लेकर भी है. एक तरफ निजी बसों का किराया जहां 120 रुपये से लेकर 150 रुपये तक है. वहीं सरकारी बसों का किराया मात्र 60 रुपये निर्धारित था. जिससे लोगों की जेब पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ता था. समय की भी बचत होती थी. पुन: परिचालन की मांग है प्रस्तावित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा संचालित सरकारी बसों के बिहारीगंज स्थित रक्षक प्रभारी वीरेंद्र यादव उर्फ कैलाश यादव ने बताया कि पूर्णिया प्रतिष्ठान से सरकारी बसों के पुनः परिचालन की बात आगे बढ़ी है, जो अब तक प्रस्तावित है. श्रीराम जानकी पंचवटी मंदिर समिति ने भी बैठक कर बस परिचालन की मांग बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के पूर्णिया प्रबंधक के समक्ष रखी है. प्रस्ताव पर निगम की सहमति मिलने के बाद बिहारीगंज से विभिन्न रूटों पर सरकारी बसों का परिचालन शुरू होगा.
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