भारी बारिश और वज्रपात के अलर्ट के बावजूद, कृषि विभाग ने मजदूरों से करवायी धनरोपनी
भारी बारिश और वज्रपात के अलर्ट के बावजूद, कृषि विभाग ने मजदूरों से करवायी धनरोपनी
मुरलीगंज: शनिवार शाम से ही बूंदाबांदी शुरू हो गई थी और रविवार को आधी रात के बाद तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई. प्रदेश में अगले 72 घंटे भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है. आपदा विभाग ने अपील की है कि बारिश में घर से बाहर नहीं निकले. मौसम खराब होने पर खेत से निकल जायें. पेड़ों के नीचे खड़ा नहीं रहें . प्रदेश के लिए अगले 72 घंटे प्राकृतिक आपदा के लिहाजा से मुसीबत भरे होंगे. इस दौरान पूरे प्रदेश में भारी बारिश एवं खतरनाक वज्रपात की आशंका जतायी गयी है.
मुरलीगंज कृषि गुणन क्षेत्र में भारी बारिश के बीच महिला मजदूरों द्वारा धान रोपाई का कार्य लिया जा रहा था. कड़ाके की वज्रपात और बिजली चमक के बावजू कृषि विभाग के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा मजदूरों के जान के साथ खिलवाड़ करके आपदा विभाग सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए दिखे. आखिर वज्रपात से इनमें से किसी भी महिला की मौत हो जाती है तो इसके जिम्मेदार कौन होते हैं. जो जानबूझकर इतने अलर्ट के बावजूद इस तरह के धान रोपाई कार्य लिया जाना कहां तक न्याय उचित है. जब सरकारी कृषि विभाग कर्मी ही आदेशों की अवहेलना करेगे, तो आम किसान ऐसा करते हैं तो इसे क्या कहा जा सकता है. कृषि विभाग के पदाधिकारी किसानों की संगोष्ठी में यह कहते नहीं थकते की तेज बारिश और व्रजपात अलर्ट के बीच कृषि कार्य नहीं करने के लिए कहते हैं.
वही स्टेट हाईवे 91 के किनारे कार्तिक चौक के समीप कृषि गुणन क्षेत्र में धान रोपाई कर मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था. मामले में प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रभुनाथ माझी ने बताया कि किसान सलाहकार रजनीश कुमार को 72 घंटे के भारी बारिश और वज्रपात के अलर्ट के आलोक में कोई भी कृषि कार्य खुले मैदान में करने से मना किया था. यहां तक की रोपनी भी बंद करने के लिए कहा था पर पता नहीं हुआ किन के आदेशों से इस तरह रोपनी कार्य करवा रहे थे. वही मामले में अंचल अधिकारी शशि भूषण कुमार ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है और जानबूझकर किसी के जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए. जब अलर्ट जारी कर दिया गया है तो इतने घंटे अगर सुरक्षित रहेंगे तो वही सबसे अच्छी बात होगी.