खबर छपते ही जनता हॉस्पिटल व लैब बंद कर फर्जी डाॅक्टर हुआ फरार
खबर छपते ही जनता हॉस्पिटल व लैब बंद कर फर्जी डाॅक्टर हुआ फरार
चौसा. फुलौत में अवैध रूप से चल रहे हाॅस्पिटल की खबर प्रभात खबर के मंगलवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित होते ही डाॅक्टर हाॅस्पिटल बंद कर फरार हो गया. अस्पताल से बैनर हटा लिया गया. परिसर स्थित दवा की दुकान और जांच घर सब बंद हो गया. घंटे-दो घंटे के अंदर अस्पताल को इस तरह खाली कर दिया गया, जैसे यहां कुछ था ही नहीं. न रजिस्ट्रेशन था और न ही डिग्री जनता हॉस्पिटल नाम से चल रहे अवैध अस्पताल में गरीब मरीजों से काफी रुपये लेकर उनका इलाज किया जाता था. बिचौलियों के माध्यम से फर्जी चिकित्सक इतना जाल बिछा रखा था. फुलौत के अलावा पुरैनी, आलमनगर सहित अन्य इलाके के लोग इलाज के लिए यहां पहुंचते थे. इलाज के नाम पर यहां शोषण होता था. आश्चर्य तो यह है कि होम्योपैथ की डिग्री लेकर डॉक्टर यहां एलौपैथी इलाज करते थे. बिना ज्ञान व अनुभव के वे सर्जरी करने तक से बाज नहीं आते थे. इतना ही नहीं इस फर्जी अस्पताल परिसर में ही फर्जी जांच घर भी खोल हर मरीज की कई-कई जांच करायी जाती थी. जांच के नाम पर भी मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती थी. अस्पताल की अपनी दवा दुकान भी थी. डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवा भी यहीं से खरीदने की बाध्यता थी. दवा में भी लंबे कमीशन का खेल चल रहा था. यह अस्पताल गर्भपात कराने का भी सुरक्षित केंद्र बन गया था. न तो पहली घटना है और न आखिरी प्रखंड में यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से तीन सौ मीटर दूर फर्जी चिकित्सक खुद को सर्जन बता ग्रामीण इलाकों के गरीब मरीजों को बहला फुसलाकर कर विभिन्न प्रकार का ऑपरेशन करते थे. अखबारों में खबर प्रकाशन के बाद उस फर्जी अस्पताल को सील कर उसे बंद कराया गया था. जनता हॉस्पिटल का बंद हो जाना आखिरी घटना भी नहीं है. क्योंकि अभी भी प्रखंड मुख्यालय सहित छोटे-छोटे बाजारों में दर्जनों फर्जी क्लीनिक, जांच घर व मेडिकल अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी अथवा मिलीभगत से यह धंधा लगातार फलता-फूलता ही जा रहा है और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
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