प्रतिनिधि, मधेपुरा बिहार के पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री, मधेपुरा के सांसद व दो विश्वविद्यालयों के प्रति कुलपति व भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पांचवें कुलपति डॉ महावीर प्रसाद यादव की जयंती गुरुवार को मनायी गयी. डॉ महावीर प्रसाद यादव की जयंती के अवसर पर बीएनएमयू कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा व कुलसचिव प्रो बिपिन कुमार राय ने सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि की. जिसके बाद बारी-बारी से पूर्व कुलपति प्रो आरकेपी रमण, बीएनएमयू के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सह समाजसेवी-साहित्यकार डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, बीएनएमयू कुलानुशासक डॉ विमल सागर, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ अशोक कुमार सिंह, प्रो नरेश कुमार, प्रो अशोक कुमार, एफओ डॉ एसपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर मिश्रा, डॉ गजेंद्र कुमार, पूर्व प्राचार्य डॉ पीएन पीयूष, डॉ अरविंद कुमार, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, कुलसचिव के निजी सहायक राजीव कुमार, इंजीनियर कमल कुमार, पीएन पांडेय, डॉ संग्राम सिंह, प्रो एमआई रहमान, प्रो अरुण कुमार यादव व उनके दो पुत्र पूर्व जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो अरुण कुमार व सेवानिवृत्ति पुलिस उपाधीक्षक मनोज कुमार समेत अन्य लोगों ने माल्यार्पण व पुष्पांजलि की. कुलपति ने कहा कि डॉ महावीर प्रसाद यादव जिस पद पर भी कार्यरत रहे, उसे अंत तक ईमानदार प्रयास से करते हुए आगे बढ़ते गये. तभी तो डॉ महावीर प्रसाद यादव प्राध्यापक से प्राचार्य, प्रतिकुलपति से कुलपति बने और आगे विधायक, राज्य शिक्षा मंत्री एवं सांसद तक पहुंच गये. उन्होंने कहा कि डॉ महावीर प्रसाद यादव ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के विश्वकर्मा कहे जाते हैं. कुलसचिव ने कहा कि डॉ महावीर प्रसाद यादव ने महाविद्यालय के विकास में अहम योगदान दिया है. बीएनएमयू के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सह समाजसेवी-साहित्यकार डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि डॉ महावीर प्रसाद यादव बराबर यही कहा करते कि जीवन सामंजस्य का नाम है. उन्होंने मधेपुरा में अपनी अलग पहचान बनायी. मालूम हो कि बिहार के पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री, मधेपुरा लोकसभा के सांसद एवं दो विश्वविद्यालयों के प्रति कुलपति तथा अंत में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पांचवें वें कुलपति के रूप में कार्यरत रहते हुये डॉ महावीर प्रसाद यादव ने अंतिम सांस ली. आरंभ में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा में इतिहास के संस्थापक प्राध्यापक एवं महाविद्यालय प्राचार्य के रूप में लंबी अवधि तक विश्वकर्मा कहलाने वाले एवं कुलपति के रूप में कार्यरत रहते हुए दिवंगत डॉ महावीर प्रसाद यादव को विश्वविद्यालय परिसर में ही संस्कारित किया गया.
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