बिहार के मधेपुरा में जिला पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में राज्य के टॉप-10 कुख्यात वांछित अपराधी प्रमोद यादव मारा गया. मधेपुरा जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के हथिऔंधा सिंधुरिया टोला के प्रमोद यादव का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. उसके खिलाफ पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा और कटिहार रेल जिले के विभिन्न थानों में 20 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, डकैती, रंगदारी, लूट, आर्म्स एक्ट, पुलिस पर हमला जैसे कई गंभीर अपराध शामिल हैं. उस पर तीन लाख रुपए का इनाम भी घोषित है.
प्रमोद यादव व उसके गैंग ने पुलिस टीम पर की फायरिंग
बिहार पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कुख्यात अपराधी प्रमोद यादव की गिरफ्तारी को लेकर एसटीएफ की टीम मधेपुरा पुलिस के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी करने पहुंची थी. पुलिस को देखकर प्रमोद यादव व उसके गैंग ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गिरोह का सरगना प्रमोद यादव मारा गया. घटनास्थल से 9 एमएम का एक कारबाइन, 7.65 एमएम का एक पिस्टल, .315 एमएम का एक पिस्टल तथा 35 जिंदा कारतूस बरामद हुआ. घटनास्थल पर वरीय पुलिस पदाधिकारी और एफएसएल की टीम पहुंच चुकी है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है.
छावनी में बदल गया हथिऔंधा
एनकाउंटर के समय जिले के कई थाने की पुलिस के साथ पूर्णिया पुलिस भी पहुंच गई. इलाके को चारों तरफ से घेर दिया गया. स्थानीय लोगों को घटना स्थल से दूर रोक दिया गया. एसपी की मौजूदगी में अपराधी के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. प्रमोद यादव के मौत की खबर मिलते ही क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है. ज्ञात हो कि दो महीना पूर्व भी एसटीएफ ने प्रमोद को घेरने की कोशिश की थी. इसके पास एके 47 होने की सूचना पुलिस को मिली थी.
घोषित था तीन लाख का इनाम
जानकारी के अनुसार प्रमोद यादव पर तीन लाख का इनाम घोषित किया हुआ था. उसके खिलाफ मधेपुरा सहित कई अन्य जिलों में लूट, हत्या, रंगदारी, डकैती, आर्म्स एक्ट और पुलिस पर हमला जैसे 20 से भी अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे.
कभी पुलिस टीम पर हमला तो कभी खुद पुलिस बनकर देता था घटना को अंजाम
वर्ष 2020 के जनवरी माह में हथियार से लैस प्रमोद यादव गैंग ने पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया था. उसी वर्ष जून माह में जमीन पर अवैध कब्जा करने को लेकर वह पुलिस बनकर आया और अपने गांव हथिऔंधा के ही इन्द्रदेव की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं, 2021 में उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूर्णिया जिले के बड़हारा थाना क्षेत्र के मोजमपट्टी गांव के अरुण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो अपनी पत्नी के हत्याकांड के मुख्य गवाह थे.