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मधुबन व लश्करी पंचायत में किसान चौपाल लगाकर उन्नत कृषि के बारे में दी गयी जानकारी

मधुबन व लश्करी पंचायत में किसान चौपाल लगाकर उन्नत कृषि के बारे में दी गयी जानकारी

प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज

उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मधुबन और लश्करी पंचायत में शुक्रवार को किसान चौपाल लगाया गया. इस दौरान किसानों को उन्नत कृषि के बारे में जानकारी दी. मधुबन पंचायत में कृषि समन्वयक कुमार सानू और किसान सलाहकार धर्मेंद्र कुमार व लश्करी पंचायत में कृषि समन्वयक देवेंद्र कुमार और किसान सलाहकार मो महताब आलम के नेतृत्व में किसान चौपाल का आयोजन किया गया. मौके पर मौजूद प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी ने किसानों को परंपरागत खेती से दूर हट कर वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर बल देने को कहा. किसानों को बागवानी फसल लगाने के भी गुरु बताए. उन्होंने कहा कि किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी खेती को प्रमोट करने के लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद भी दे रही है. ड्रैगन फ्रूट की किसानों को जानकारी दी. ड्रैगन फ्रूट का पौधा एक बार लगाने के बाद करीब 20 साल तक फल देता है. फल आने के बाद बाजार में करीब चार सौ रुपए किलो तक बिकता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने से पहले खेतों में रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल करने को कहा गया, जिससे पौधों को अच्छी ग्रोथ मिलती है. खेत में सीमेंट के पोल लगाने के बाद उसी के बगल में पौधे का रोपण किया जाता है. करीब दो साल के बाद इसमें फल आने शुरू हो जाते हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती में सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई रोग नहीं लगता. इसीलिए किसानों के लिए यह मुनाफे की खेती साबित होती है. ड्रैगन फ्रूट का सेवन ब्लड में शुगर की मात्रा को सामान्य करता है. इसके सेवन से डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल को शरीर में नियंत्रित रखता है. इतना ही नहीं हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. यह बालों और त्वचा के लिए लाभदायक फल साबित होता है. यह प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ता है. डेंगू के मरीज को फायदा पहुंचता है.

कैसे करें खेत की तैयारी

कृषि समन्वयक कुमार सानू ने बताया कि खेत बनाने के लिए उसकी मिट्टी की जांच करा लेनी चाहिए. खेत की अच्छी तरीके से कल्टीवेटर से जुताई करा लेनी चाहिए और उसके बाद में जमीन को समतल करके उसका जैविक खाद के माध्यम से भरपूर पोषण कर देना चाहिए. भुरभुरी मिट्टी में ड्रैगन फ्रूट के पेड़ को काटकर लगाया जाता है. पौधे को रोपने के समय करीब 70 सेंटीमीटर गहरा और 60 सेंटीमीटर चौड़ा गड्ढा खोद लिया जाता है. पौधे को लगाते समय मिट्टी डालने के बाद में सौ ग्राम सुपर फास्फेट डालना जरूरी है. प्रत्येक पौधे पर 10 से 15 किलो जैविक कंपोस्ट दिया जाता है. फल आने के समय उपयुक्त मात्रा में पोटाश और नाइट्रोजन देने की आवश्यकता होती है.

एक पेड़ में कितना होता है फल

जून के महीने में ड्रैगन फ्रूट के पौधों में फल आना शुरू हो जाता है. यह दिसंबर तक लगातार आता रहता है. कच्चे फलों का रंग हरा और पकने पर लाल हो जाता है. रंग बदलने में ही फलों को तोड़ना ठीक रहता है. एक फल का वजन करीब 400 ग्राम का होता है. एक पेड़ में लगभग 12 किलो तक ड्रैगन फ्रूट आता है. इसकी एक पौध करीब 70 रुपये की मिलती है. दो बीघे जमीन में 800 पौधों की आवश्यकता होती है. इसकी खेती करने के लिए सरकार 75 प्रतिशत अनुदान भी देती है. मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, कृषि समन्वयक कुमार सानू, देवेंद्र कुमार, एटीएम चंदन कुमार किसान सलाहकार धर्मेंद्र कुमार, महताब आलम उप मुखिया कुमोद कुमार आदि उपस्थित थे.

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