प्रतिनिधि, मधेपुरा
जिला के बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर नई फसलों की ओर रूख कर रहे हैं. बाजार की डिमांड को देखते हुए किसान खेती के तरीके व फसलों की किस्मों बदल रहे हैं. राजगंज पंचायत के बैजनाथपुर वार्ड नंबर एक निवासी किसान श्यामल मेहता ने इस बार पीला फूल गोभी की खेती की है. सर्दियों में गोभी की सब्जी हर घर में बनती है, लेकिन पीले व बैंगनी रंग की गोभी अब लोगों के लिए नई और आकर्षक बन रही है. श्यामल मेहता ने बताया कि उन्होंने इस साल पहली बार एक एकड़ में पीली गोभी की खेती की है. इससे पहले उन्होंने हरी ब्रोकली और बैंगनी गोभी की खेती कर अच्छी आमदनी कमायी थी. इस बार भी पीली गोभी की खेती से उन्हें बेहतर मुनाफा हो रहा है. उनके पुत्र डीके कुमार, जो कि बिहारीगंज प्रखंड प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष हैं. खेती में नये प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार रंगीन गोभी का सफल उत्पादन किया गया है. अगले वर्ष ज्यादा से ज्यादा किसान इस खेती को अपनायेंगे.पीली गोभी की फसल 70 से 80 दिनों में हो जाती है तैयार
श्यामल मेहता ने बताया कि पीली गोभी की फसल 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है. इसका वजन एक से 1.5 किलो तक होता है. अगस्त या सितंबर में इसकी बुआई की जाती है व दिसंबर तक फसल तैयार हो जाती है. एक एकड़ में इसकी खेती पर 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आता है, जबकि कमाई एक लाख से 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है. कृषि वैज्ञानिक के अनुसार रंगीन गोभी पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें कैल्शियम, फाॅस्फोरस, मैग्नीशियम व जिंक जैसे तत्व पाये जाते हैं. यह इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है. सफेद गोभी की तुलना में इसमें पोषक तत्व अधिक होते हैं. यह बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. श्यामल मेहता के इन प्रयोगों से अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं. रंगीन गोभी की बढ़ती डिमांड व बेहतर मुनाफे के चलते इसकी खेती का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है.शरीर के लिए है फायदे मंद है गोभी
डॉ बिट्टू कुमार ने बताया कि हरे, पीले और बैगनी रंग की गोभी से बने सब्जियों का सेवन मानव शरीर के लिए फायदेमंद है. पीला, बैंगनी गोभी का सेवन से आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए लाभकारी होती है. वहीं इसका सेवन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है. साथ ही पीली गोभी खाने से दिल का दर्द कम होता है और हड्डियां मजबूत होती है. फाइबर की मात्रा अधिक रहती है, वजन कम करने व कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है