वित्त रहित कर्मियों ने वोट बहिष्कार का लिया निर्णय : प्रो मनोज
वित्त रहित कर्मियों ने वोट बहिष्कार का लिया निर्णय : प्रो मनोज
प्रतिनिधि, मधेपुरा. अनुदानित डिग्री कॉलेज शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के बीएनएमयू अध्यक्ष प्रो मनोज भटनागर ने अनुदान व वेतन से वंचित वित्त रहित कर्मियों ने वोट बहिष्कार करने को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों से बिना वेतन का वित्त रहित महाविद्यालयों में सेवा देने वाले मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के हजारों वित्त रहित शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों समेत उनके परिजन सात मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार करेंगे. वित्त रहित कर्मियों ने कहा कि पिछले 40 वर्षों के अंतर्गत किसी राजनीतिक दल ने उनके समस्याओं का निदान नहीं किया, जिसके कारण इनकी दो पीढ़ियां बर्बाद हो गयी है.शिक्षकों ने कहा कि अनुदान के नाम पर जहां वित्त रहित कर्मियों को ठगा गया, वहीं महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उनके शोषण की कहानी जग जाहिर है. इस हालत में किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट देना अपने जीवन के साथ पुनः धोखा है. नेताओं को इतना फुर्सत नहीं है कि वह वित्त रहित कर्मियों के दुर्दशा की चर्चा भी मंच से करें. जब मधेपुरा के सदर विधायक प्रो चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री बने थे, तो मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के वित्त रहित कर्मियों में उम्मीद जगी थी कि अब वित्त रहित शिक्षकों के दिन बहुरेंगे, लेकिन 16 माह शिक्षा मंत्री रहने के बाद भी प्रो चंद्रशेखर एक बार भी वित्त रहित शिक्षा को समाप्त करने की बात नहीं की और अपर सचिव केके पाठक के डर का हवाला देते हुए कुछ भी करने से बचते रहे. इसलिए वित्त रहित कर्मियों ने फैसला किया है कि हम मताधिकार का प्रयोग इन खुदर्गज नेताओं के लिए नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने इसके पूर्व भी अनुदान तथा वेतन भुगतान से संबंधित आवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया था, लेकिन वे शिक्षकों की समस्याओं के निदान के प्रति असंवेदनशील व अनभिज्ञ बने रहे.
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