उदाकिशुनगंज. नगर परिषद क्षेत्र में अब तक कूड़े कचरे को डंप करने का स्थायी जगह नहीं रहने से नप इधर-उधर कचरा फेंक और भी गंदगी फैला रहा है, जिससे दुर्गंध व संक्रमण से आसपास का क्षेत्र त्रस्त है. इसके अतिरिक्त धूप में फेंके जा रहे गीले कचरे इतनी तेजी से सड़ रहा है कि अब हर अस्थायी कूड़ा प्वाइंट की दुर्गंध दूर तक जा रही है. डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव कर वाहवाही लूटने वाली उदाकिशुनगंज नगर परिषद कचरा प्रबंधन में फिसड्डी साबित हो रही है. उचित प्रबंधन के तरीकों के अभाव में हर दिन लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े को सफाइ कर्मी मुख्यालय स्थित बीआरसी और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के आसपास सड़क किनारे यूं ही फेंक दे रहे हैं. छात्राओं का रहना-खाना हो गया है दुश्वार- अपशिष्ट पदार्थों के दुर्गंध से जहां एक तरफ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के बच्चे परेशान हो रहे हैं. वहीं उनका वहां रहना-खाना सब दुश्वार हो चुका है. स्कूल के आसपास जमा कचरे के अंबार से निकलने वाली दुर्गंध से छात्राएं दिन-रात परेशान रहती हैं और विद्यालय की छात्राएं अक्सर बीमार पड़ी हैं. इतना ही नहीं उक्त सड़क होकर दर्जनों छात्र-छात्राएं एसबीजेएस हाई स्कूल, मध्य विद्यालय रोज आना-जाना करते हैं, जिससे बच्चों के सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. बीईओ की शिकायत का नहीं हुआ असर- बीते दिनों कचरे के अंबार से निकलने वाली दुर्गंध की शिकायत बीईओ निर्मला सिन्हा ने नप ईओ उपेंद्र कुमार सिन्हा से मिलकर शिकायत की थी. कहा गया था कि कस्तूरबा विद्यालय के आवासीय बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कचरे के अंबार पर तत्काल मिट्टी डलवाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि बगल में बीआरसी भवन, मवि बालक, थाना परिसर में रह रहे कर्मियों को दुर्गंध के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नप अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. बार-बार शिकायत के बाद भी उक्त जगह पर कचरा डंपिंग बंद नहीं हो रहा है,जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है. मोहल्लों में सफाई की भी स्थिति दयनीय- नगर परिषद क्षेत्रों की स्थिति सफाई के मामले में बेहतर नहीं दिख रही है. लोगों का कहना है कि नप अपने कूड़ा डंपिंग स्थिति नहीं सुधार सका तो शहर की साफ-सफाई की क्या आस लगायी जाय. सड़क पर कूड़ा डंप न हो, इसके लिए नप ने बड़े ही ताम झाम के साथ कूड़ा उठाने का बीड़ा उठाया था, ताकि लोगों के घरों से हर दिन निकलने वाले कचरे का निस्तारण कर पर्यावरण व स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सके, लेकिन नगर परिषद का यह प्रयास कारगर साबित नहीं हो पा रहा है. दूषित हो रहा पर्यावरण- लोगों के घरों से निकलने वाले कचरों के समुचित निस्तारण नहीं होने से यह पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों को हानि पहुंचा रहा है. हाल के दिनों में केंद्र व राज्य सरकारों ने स्वच्छ भारत अभियान व बिहार लोहिया स्वच्छता अभियान चला साफ-सफाई व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभियान चलाया है. इस अभियान में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं. खुद उदाकिशुनगंज जैसे छोटे नगर परिषद द्वारा भी हर महीने सफाई के नाम पर लाखों का वारा-न्यारा किया जाता है, लेकिन इसका लाभ धरातल पर नहीं मिल पा रहा है. कूड़ा-कचरा के ढेर से उठने वाला दुर्गंध हर समय फिजा में जहर घोल रहा है. स्थानीय लोगों ने जल्द से जल्द इस समस्या के निवारण की मांग की है, ताकि संक्रमण और दुर्गंध से निजात मिल सके. —– हमें बीईओ निर्मला सिन्हा द्वारा जानकारी मिली है. शीघ्र ही समस्याओं का समाधान कर उक्त जगह को स्वच्छ बनाया जायेगा. जमीन की समस्या के कारण कचरा डंपिंग में भी परेशानी हो रही है. जल्द ही समस्या दूर कर ली जायेगी. उपेंद्र कुमार सिन्हा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद
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