सरकार की नीतियां उच्च वर्ग के पक्ष में और पिछड़े व वंचित वर्गों के खिलाफ
भाकपा माले लिबरेशन के सदस्य के सदस्यों और आम जनता ने भाग लिया
मधेपुरा. भाकपा माले लिबरेशन के पूर्व महासचिव कॉमरेड विनोद मिश्र की 26 वें स्मृति दिवस जिले नेहालपट्टी गांव में आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में कॉमरेड विनोद मिश्र के विचार, संघर्ष और भाकपा माले को राजनीतिक मुख्यधारा में लाने के प्रयासों पर चर्चा की गयी. इसमें आइसा, इंकलाबी नौजवान सभा, भाकपा माले लिबरेशन के सदस्य के सदस्यों और आम जनता ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत कॉमरेड आद्यानंद यादव ने कॉमरेड विनोद मिश्र की पुस्तक “मेरे सपनों का भारत ” के उद्धरण से की. इसमें उन्होंने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, पर्यावरणीय, वैज्ञानिक चेतना और अखंड भारत की कल्पना से जुड़े विषयों पर कॉमरेड विनोद के विचारों को प्रस्तुत किया. भाकपा माले के मधेपुरा जिला संयोजक कॉमरेड रामचंद्र दास ने स्मृति दिवस के अवसर पर केंद्रीय कमेटी का आह्वान और संकल्प रखा. कॉमरेड शंभू शरण भारतीय ने कॉमरेड विनोद मिश्र द्वारा क्रांतिकारी संघर्ष को साधारण जनता के बीच ले जाने की दिशा में किये गये कार्यों को प्रस्तुत किया. उन्होंने यह भी कहा कि उनके समय में राजनीति में खुलकर प्रवेश करने के बाद ही पहली बार बिहार विधानसभा में आईपीएफ के आठ विधायक निर्वाचित हुये. मजदूरों के हक-अधिकार के लिए संघर्ष करने वाले नेता कॉमरेड सीताराम रजक ने कहा कि आज छात्रों, युवाओं, किसानों और मजदूरों को मिलकर संघर्ष करने की जरूरत है. तभी हम अपनी दावेदारी मजबूत कर सकते हैं. उन्होंने भाकपा माले के जिले में विस्तार के लिए कुछ विचार-विमर्श किये.इंकलाबी नौजवान सभा के सदस्य कॉमरेड कृष्ण कुमार ने कहा कि देश की दशा और दिशा बदल रही है, लेकिन गांवों में आम लोगों की हालत बिगड़ रही है. कॉमरेड विनोद मिश्र के विचार और संघर्ष हमेशा वंचितों को आगे बढ़ाने के लिए रहे हैं. आइसा मधेपुरा के जिला सचिव कॉमरेड पावेल कुमार ने कॉमरेड विनोद मिश्र का वाक्य को सामने रखा. “इतिहास के बड़े-बड़े सामाजिक और राजनीतिक मसले विधानसभाओं और संसद की चहारदीवारी के भीतर कभी हल नहीं हुये. इतिहास में हमेशा महत्वपूर्ण मसले सड़कों पर लड़ी गई लड़ाइयों के माध्यम से हल हुए हैं. इन लड़ाइयों में कभी-कभी संसदों और विधानसभाओं को इतिहास में बमबारी से भी गुजरना पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि पढ़ाई करते समय केवल पाठ्यक्रम आधारित किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज केंद्रित पुस्तकें भी पढ़नी चाहिये. उन्होंने जोर देकर कहा कि कम्युनिस्ट सत्ता पाने के लिए नहीं, बल्कि जनहित में संघर्ष और आंदोलन करते हैं. आज संघर्षरत युवाओं पर नजर रखी जा रही है और उन्हें साजिशों में फंसाने की कोशिश की जा रही है. आइसा के सदस्य विजय कुमार ने कहा कि भाकपा माले एवं उसके अनुषांगिक संगठन हमेशा जन-आधारित मुद्दों पर संघर्षरत रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कम्युनिस्टों पर आरोप लगाया जाता है कि वे पूंजीवादी वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं. इसके जवाब में उन्होंने तर्क दिया कि कोई भी वस्तु पूंजीवादी या साम्यवादी नहीं होती, बल्कि विचार पूंजीवादी या साम्यवादी होते हैं. हमें वस्तुओं का उपभोग उनकी गुणवत्ता के आधार पर करना चाहिये. हमारी लड़ाई मजदूरों के शोषण के खिलाफ है. शिक्षक और प्रखर वक्ता सुधीर कुमार ने कहा कि जब हम विचारशील लोगों के साथ बैठते हैं, तो हमें कुछ नया सीखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि आज सरकार की नीतियां उच्च वर्ग के पक्ष में और पिछड़े व वंचित वर्गों के खिलाफ हैं. हमारे क्षेत्र में जमीन का असमान वितरण है. हमें भाग्य, अंधविश्वास और पुरोहितों की जालसाजी से बचना चाहिए. आइसा मधेपुरा के जिला उपाध्यक्ष कॉमरेड राजीव ने कहा कि आज सरकार का ध्यान शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर नहीं है, बल्कि धर्म की राजनीति पर है. परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे छात्रों में असंतोष व्याप्त है. छात्रों का ध्यान भटकाने के लिए मंदिर-मस्जिद और पाकिस्तान के मुद्दों को उछालकर मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है. कार्यक्रम के अंत में इस सभी वक्ताओं के साथ स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजकिशोर, आकाश, सिटू, शिवम, मनीष सहित कई छात्र-युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग उपस्थित रहे.
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