मधेपुरा: सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सीएचसी अब कोरोना का दंश झेलने को मजूबर है. अस्पताल में कोरोना की ऐसी धनक है कि कर्मी अस्पताल आने से भी कतराते है. अगर एकाध कर्मी आ भी जाते तो उनके समय का कोई गारंटी नहीं है कि कब आयेंगे. लोगों ने बताया कि सीएचसी सिंहेश्वर जहां सिंहेश्वर प्रखंड के लोग अपने अपने मर्ज का इलाज के लिए आते हैं, लेकिन कोविड 19 के बाद सीएचसी खुद बिमार हो गया है. न तो कोई कर्मी समय पर सीएचसी पहुचते है और न ही चिकित्सकों को अपने समय पर आना मुनासिब लगता है. सोमवार को 10 बजे तक ओपीडी का ताला तक नहीं खुला था.
कंप्यूटर ऑपरेटर 8 बजे के जगह 10 बजे सीएचसी पहुंचती है. वहीं सवा 10 बजे चिकित्सक रुपा कुमारी सीएचसी पहुंचती है और कर्मियों के इंतजार में लग जाती है. लोगों ने यह भी बताया कि कोविड 19 के बाद सीएचसी के कई कर्मी अपने मन के हिसाब से आते हैं. वहीं दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण पानी का निकास के लिए नाला की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण अस्पताल परिसर में जलजमाव हो गया है.
इस बाबत बीएचएम पियुष वर्धन ने बताया कि लगभग कोई भी कर्मी कोविड के बाद समय पर नहीं आते हैं. इसके कारण सभी को परेशानी होती है. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आनंद भगत ने बताया कि कोरोना वायरस के बाद अस्पताल में कर्मी लेट से आने लगे है. सभी को समय पर आने की हिदायत दे दी गयी है.