International Yoga Day: कुमार आशीष. मधेपुरा. योग भगाए रोग. यह कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी. यह सब जगह कहा जाता है. लेकिन ज्यादातर इसे बीमारी नहीं आने देने के नुस्खे के रूप में आजमाया जाता है. कुछ खास बीमारियों में योगाचार्य खास आसनों के जरिए निदान भी सुझाते हैं. लेकिन योग की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही एलोपैथिक डॉक्टर भी इसे अपनाने लगे हैं. मधेपुरा के डॉक्टर सुनील ने योग के साथ पूरा ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बना रखा है.
नियमित योगाभ्यास सबसे बड़ी दवा
एम्स से जुड़े डॉ. सुनील कहते हैं कि मेडिकल साइंस योग को जीवन जीने का हिस्सा मानने लगा है. इसलिए हड्डी रोग विशेषज्ञ दवाओं के साथ अपने नुस्खे पर नियमित योगाभ्यास की सलाह देते हैं. इनके अलावे स्पाइन के डॉक्टर भी दवा से अधिक योग पर ही विशेष जोर दे रहे हैं. डॉक्टर सुनील बताते हैं कि मानसिक संतुलन और स्थिरता के लिए योग सबसे अधिक कारगर है. यदि व्यक्ति मानसिक स्थिरता पा लेता है तो किसी भी शारीरिक परेशानी को वह आसानी से दूर कर सकता है. प्रभात खबर से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे नियमित योगाभ्यास करने की सलाह लिखते हैं. डॉक्टर कहते हैं कि योग इज ए पार्ट ऑफ ट्रीटमेंट.
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